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Value Investing or Growth Investing: लॉन्ग-टर्म इंवेस्टर्स के लिए कौन-सी स्ट्रेटेजी सही?

बाजार कभी-कभी अच्छी या बुरी खबरों पर ज्यादा प्रतिक्रिया दे सकता है, जिससे शेयर की कीमत उसके लॉन्ग-टर्म फंडामेंटल के अनुरूप नहीं रह पाती है इसी स्थिति में वैल्यू इंवेस्टिंग काम आता है, जिससे इंवेस्टर भविष्य में संभावित लाभ के लिए डिस्काउंट प्राइस पर शेयर खरीद सकते हैं

अपडेटेड May 26, 2024 पर 11:12 PM
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इंवेस्टमेंट करते वक्त इस बात का ध्यान रखें।

वॉरेन बफे, चार्ली मुंगेर और बेंजामिन ग्राहम (वॉरेन बफे के गुरु) जैसे फेमस इंवेस्टर्स वैल्यू इंवेस्टिंग के विचार को अपनाते हैं। वैल्यू इंवेस्टिंग एक ऐसी स्ट्रेटेजी है जहां इंवेस्टर उन कम मूल्य वाले शेयरों की तलाश करते हैं, जिनकी कीमत उनके वास्तविक मूल्य से कम है। बाजार कभी-कभी अच्छी या बुरी खबरों पर ज्यादा प्रतिक्रिया दे सकता है, जिससे शेयर की कीमत उसके लॉन्ग-टर्म फंडामेंटल के अनुरूप नहीं रह पाती है। इसी स्थिति में वैल्यू इंवेस्टिंग काम आता है, जिससे इंवेस्टर भविष्य में संभावित लाभ के लिए डिस्काउंट प्राइस पर शेयर खरीद सकते हैं।

कंपनी के मूल्य का पता लगाने के लिए नीचे बताए गए फाइनेंशियल पैरामीटर महत्वपूर्ण हैं:

प्राइस टू अर्निंग (P/E रेशियो): यह रेशियो कंपनी के मार्केट प्राइस को उसकी रिलेटिव टू इनकम के साथ निर्धारित करने में मदद करता है। कंपनी के मार्केट प्राइस को उसके प्रति शेयर आय से डिवाइड करके प्राप्त यह रेशियो बताता है कि क्या शेयर का प्राइस उचित है, कम है या ज्यादा है।


प्राइस टू बुक (P/B रेशियो): यह रेशियो कंपनी के शेयर प्राइस की तुलना उसकी संपत्ति के कीमत से करता है। यदि शेयर की कीमत संपत्ति के वैल्यूएशन से कम है, तो शेयर को अंडररेटेड माना जाता है।

फ्री कैश फ्लो (FCF): यह एक अन्य मीट्रिक है और यह कंपनी के ऑपरेशन से आया कैश है, जिसमें ऑपरेटिंग एक्सपेंसेस और कैपिटल एक्सपेंडिचर शामिल हैं।

ग्रोथ इन्वेस्टिंग क्या है?

जैसा कि नाम से पता चलता है, ग्रोथ इंवेस्टिंग इंवेस्टर्स के पैसे को बढ़ाने का टारगेट रखता है। आमतौर पर, इंवेस्टर अपने पैसों को ग्रोइंग स्टॉक में लगाते हैं, जो आम तौर पर युवा कंपनियां होती हैं, जिनके इंडस्ट्री या पूरे बाजार में अन्य कंपनियों की तुलना में आय में औसत से ज्यादा वृद्धि होने की संभावना होती है।

ग्रोइंग स्टॉक को एनालाइज करने की स्ट्रेटेजी

अक्सर ये स्टॉक्स उसी इंडस्ट्री की अन्य कंपनियों की तुलना में अधिक वैल्यूएशन प्राप्त करते हैं क्योंकि इंवेस्टर बेहतर रिटर्न की उम्मीद में ज्यादा प्रीमियम देने के लिए सहमत होते हैं। ग्रोइंग स्टॉक के मामले में, P/E रेशियो आम तौर पर एवरेज से ऊपर होता है। साथ ही, कंपनी के EV/EBITDA का एनालाइज करना भी आवश्यक है और कम प्राइस बेहतर निवेश ऑप्शन हो सकता है।

ग्रोथ vs वैल्यू इंवेस्टिंग: आपके लिए क्या बेहतर?

बिगुल के सीईओ अतुल पराख का मानना है कि आज के मार्किट डायनामिक्स को देखते हुए वैल्यू इंवेस्टिंग ज्यादा सही प्रतीत होता है। वैल्यू इंवेस्टिंग मजबूत फंडामेंटल फैक्टर वाले कम प्राइस के शेयरों पर केंद्रित होता है, जो सुरक्षा का अंतर प्रदान करता है।

MoneyControl News

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First Published: May 26, 2024 11:12 PM

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