Jan Dhan Yojana: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार, 8 जुलाई को स्पष्ट किया कि उसने बैंकों को प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के निष्क्रिय खातों को बंद करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आया है, जिनमें दावा किया गया था कि सरकार ने बैंकों से ऐसे अकाउंट्स बंद करने को कहा है।
मंत्रालय के बयान में कहा गया, 'वित्त सेवा विभाग (DFS), वित्त मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि उसने बैंकों से निष्क्रिय प्रधानमंत्री जन धन योजना खातों को बंद करने के लिए नहीं कहा है।'
देशभर में तीन महीने का अभियान
बयान के अनुसार, 1 जुलाई से DFS ने पूरे देश में तीन महीने का अभियान शुरू किया है। इसका मकसद प्रधानमंत्री जन धन योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच को और मजबूत करना है।
इस अभियान के दौरान बैंकों से कहा गया है कि वे ड्यू खातों का फिर से KYC (re-KYC) करें। DFS लगातार इनएक्टिव जन धन खातों की स्थिति की निगरानी करता है। उसने बैंकों को सलाह दी है कि वे संबंधित खाताधारकों से संपर्क करें ताकि उनके खाते दोबारा सक्रिय हो सकें।
बयान में यह भी कहा गया, 'PMJDY खातों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है और वित्त सेवा विभाग को किसी भी तरह के निष्क्रिय खातों को बड़े पैमाने पर बंद करने की कोई जानकारी नहीं मिली है।'
क्या है प्रधानमंत्री जन धन योजना?
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को हुई थी। इसका उद्देश्य देश के हर घर, खासकर गरीब और असंगठित वर्ग को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना है।
इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी बैंक में जीरो-बैलेंस सेविंग अकाउंट खोल सकता है। इसके साथ उन्हें RuPay डेबिट कार्ड, ₹2 लाख का एक्सिडेंटल इंश्योरेंस, ₹30,000 का लाइफ कवर और सरकारी सब्सिडी का डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए लाभ मिलता है।
जन धन योजना का मकसद वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना, लोगों को बचत के लिए प्रेरित करना और उन्हें क्रेडिट और बीमा की सुविधाएं देना है। यह दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजनाओं में से एक है। अब तक 54.58 करोड़ से ज्यादा लोग इससे जुड़ चुके हैं।
क्या है जन धन खाते का पूरा मामला?
दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा कियागया था कि केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सलाह दी है कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (PM Jan Dhan Yojana) के तहत खोले गए उन खातों की समीक्षा करें जो लंबे समय से निष्क्रिय हैं। इसके मुताबिक, दिसंबर 2024 तक कुल खातों में से 11.3 करोड़ खाते (23%) इन-एक्टिव थे, जिन्हें बंद किया जाएगा।
हालांकि, अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उसने इनएक्टिव जन धन अकाउंट को बंद करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। इसका मतलब है कि आप अपने जन धन खाते से भले ही लेनदेन न कर रहे हों, सरकार उसे बंद नहीं करेगी।