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ITR 2025: फर्जी डिडक्शन के खिलाफ सख्ती का असर, नई टैक्स रीजीम में बढ़ी टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सैलरीड टैक्सेपयर्स की इनकम और खर्च पर नजर रखने के लिए एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) का इस्तेमाल कर रहा है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भी मदद ली जा रही है। इसका असर सैलरीड टैक्सपेयर्स पर पड़ा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 23, 2025 पर 12:17 PM
ITR 2025: फर्जी डिडक्शन के खिलाफ सख्ती का असर, नई टैक्स रीजीम में बढ़ी टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी
आईटी डिपार्मेंट के डिडक्शन के फर्जी क्लेम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की खबरें आ रही हैं।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फर्जी डिडक्शन क्लेम के मामलों के खिलाफ अपनी सख्ती बढ़ा दी है। वह सैलरीड टैक्सेपयर्स की इनकम और खर्च पर नजर रखने के लिए एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) का इस्तेमाल कर रहा है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भी मदद ली जा रही है। इसका असर सैलरीड टैक्सपेयर्स पर पड़ा है। टैक्सपेयर्स फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में सावधानी बरत रहे हैं।

फर्जी डिडक्शन क्लेम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

टैक्स कनेक्ट एडवायजरी के पार्टनर विवेक जैन ने कहा, "पहले Income Tax Department की ज्यादा नजर सैलरीड टैक्सपेयर्स पर नहीं होती थी। लेकिन, पिछले कुछ सालों में स्थिति बदली है। आईटी डिपार्मेंट के डिडक्शन के फर्जी क्लेम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की खबरें आ रही हैं। इससे अब टैक्सपेयर्स सिर्फ तभी डिडक्शन क्लेम कर रहे हैं, जब उनके पास इसे साबित करने के लिए सबूत उपलब्ध हैं। वे अपने डॉक्युमेंट्स में किसी तरह की कमी नहीं चाहते।"

इनकम टैक्स फॉर्म्स में भी डिसक्लोजर्स बढ़ाए गए

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