ITR-4 Filing: जानिए किसे इस टैक्स-फाइलिंग फॉर्म का इस्तेमाल करना है और किसे नहीं

सही रिटर्न फॉर्म का चुनाव करने के लिए सबसे जरूरी है अपनी आय के सोर्स को जानना। उसके बकाद आपको यह देखना होगा कि आप किस कैटेगरी में आते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अलग-अलग कैटेगरी के टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग फॉर्म तय किए हैं। इंडिविजुअल्स, HUF, कंपनियों, पार्टनरशिप फर्म और दूसरे एंटिटीज के लिए अलग-अलग फॉर्म हैं

अपडेटेड Jul 31, 2023 पर 12:59 AM
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कुछ आईटीआर फॉर्म्स में डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस क्लेम करने के लिए खास सेक्शन होते हैं। अगर आप किसी डिडक्शंस या एग्जेम्प्शंस के हकदार हैं तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप उस फॉर्म का इस्तेमाल करें जिसमें आपको अपने डिडक्शंस क्लेम करने के लिए अलग सेक्शन दिया गया है।

इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने के लिए सही फॉर्म का चुनाव करना बहुत जरूरी है। इसकी वजह यह है कि अलग-अलग तरह के टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग फॉर्म इसलिए बनाए गए हैं, क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सभी टैक्सपेयर्स से एक जैसी जानकारियां नहीं मांगता है। आइए इस बारे यह जानते हैं कि कैसे हम अपने लिए सही टैक्स रिटर्न फॉर्म का चुनाव कर सकते हैं।

फॉर्म के निर्धारण में आय का स्रोत सबसे अहम

सही रिटर्न फॉर्म का चुनाव करने के लिए सबसे जरूरी है अपनी आय के सोर्स को जानना। उसके बकाद आपको यह देखना होगा कि आप किस कैटेगरी में आते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अलग-अलग कैटेगरी के टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग फॉर्म तय किए हैं। इंडिविजुअल्स, HUF, कंपनियों, पार्टनरशिप फर्म और दूसरे एंटिटीज के लिए अलग-अलग फॉर्म हैं। कुछ फॉर्म्स उन लोगों के लिए हैं, जिनकी इनकम की स्रोत सैलरी, बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम है। हालांकि, कैपिटल गेंस, हाउस प्रॉपर्टी इनकम आदि का ध्यान भी फॉर्म के सेलेक्शन में रखना पड़ता है।


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डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस के लिए खास सेक्शन

कुछ आईटीआर फॉर्म्स में डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस क्लेम करने के लिए खास सेक्शन होते हैं। अगर आप किसी डिडक्शंस या एग्जेम्प्शंस के हकदार हैं तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप उस फॉर्म का इस्तेमाल करें जिसमें आपको अपने डिडक्शंस क्लेम करने के लिए अलग सेक्शन दिया गया है।

कई तरह के आय स्रोत होने पर जटिल फॉर्म का इस्तेमाल

अलग-अलग फॉर्म जटिलताएं के मामले में भी एक दूसरे से अलग हैं। अपनी इनकम की जटिलता के आधार पर फॉर्म का सेलेक्शन जरूरी है। आईटीआर-4 को ऐसे इंडिविजुअल और HUF के लिए बनाया गया है, जिन्होंने प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम का चुनाव किया है। प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम कुछ खास प्रोफेशनल, स्मॉल बिजनेसेसज और फ्रीलॉन्सर्स के लिए जिनका टर्नओवर या ग्रॉस रिसीट एक निश्चित सीमा से कम होती है। स्मॉल बिजनेसेज जिनका टर्नओवर या ग्रॉस रिसीट 2 करोड़ से कम होता है वे इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर्स, वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम का दायरा

अगर प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम का इस्तेमाल करने के लिए एलिजिबल हैं और आपने सेक्शन 44एडी, सेक्शन 44एडीए या सेक्शन 44एई के तहत इस स्कीम का चुनाव किया है तो आपके लिए फॉर्म-4 सही रहेगा। अगर आपका बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम है तो भी आपके लिए आईटीआर-4 सही रहेगा। इसके तहत फ्रीलॉन्सिंग, कंसल्टेंसी या स्मॉल स्केल ट्रेडिंग से जुड़े लोग भी आते हैं।

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First Published: Jul 24, 2023 6:16 PM

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