ITR filing deadline 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख यानी 15 सितंबर में अब दो हफ्ते से भी कम समय बचा है। कई टैक्सपेयर्स अपना रिटर्न फाइल भी कर चुके हैं। लेकिन, अभी भी बहुत-से टैक्सपेयर्स तकनीकी कारणों से ITR फाइल नहीं कर पाए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर ITR फाइल करने की डेडलाइन मिस हो जाती है, तो क्या होगा।
अगर कोई टैक्सपेयर तय समय पर ITR फाइल नहीं कर पाता है, तो वह बाद में बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकता है। यह इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139(4) के तहत आता है। लेकिन, इसके लिए पेनल्टी देनी पड़ती है। वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए बिलेटेड रिटर्न 31 दिसंबर 2025 तक फाइल किया जा सकता है।
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234F के तहत लेट रिटर्न फाइल करने पर पेनल्टी लगती है। अगर आपकी इनकम ₹5 लाख से अधिक है, तो आपको अधिकतम ₹5,000 का जुर्माना भरना होगा। वहीं, टैक्सेबल इनकम ₹5 लाख या इससे कम है, यह पेनल्टी अधिकतम ₹1,000 होगी।
असेसमेंट ईयर 2025-26 (वित्त वर्ष 2024-25) के लिए ITR फाइल करने की अंतिम तारीख पहले 31 जुलाई थी। लेकिन इस साल नोटिफाइड ITRs में बड़े बदलाव और सिस्टम रेडीनेस में लगने वाले समय को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी।
कई टैक्सपेयर्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतों का हवाला देकर डेडलाइन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसा होना काफी मुश्किल है। उनका कहना है कि यूटिलिटी जारी होने में देरी और तकनीकी गड़बड़ियों के ITR फाइल होने की डेडलाइन बढ़ने की संभावना नहीं है। क्योंकि ITR-1 फॉर्म जल्दी जारी होने से फाइलिंग की रफ्तार काफी तेज है।
इससे पता चलता है कि ज्यादादातर टैक्सपेयर्स डेडलाइन तक रिटर्न फाइल कर देंगे। एक्सपर्ट के मुताबिक, जब तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आधिकारिक घोषणा नहीं करता, तब तक टैक्सपेयर्स को यह मानकर चलना चाहिए कि मौजूदा समयसीमा लागू है और डेडलाइन बढ़ने का इंतजार करने के बजाय समय रहते रिटर्न फाइल कर देना चाहिए।