नौकरी करने वाले लोगों के लिए फॉर्म 16 जरूरी डॉक्युमेंट है। इससे इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना आसान हो जाता है। कंपनियां अपने एंप्लॉजी को हर साल फॉर्म 16 इश्यू करती हैं। इसमें एंप्लॉयी की ग्रॉस और नेट इनकम के साथ ही टीडीएस और टीसीएस की जानकारी होती है। कई कंपनियां तय तारीख से पहले एंप्लॉयीज को फॉर्म 16 इश्यू कर देती हैं, जबकि कुछ कंपनियां ऐसा नहीं कर पातीं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नियम के मुताबिक, हर कंपनी के लिए 15 जून तक फॉर्म 16 जारी कर देना जरूरी है।
ITR फाइलिंग के लिए जरूरी है फॉर्म 16
टैक्सपेयर्स इनवेस्टमेंट प्रूफ, सैलरी स्लिप, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और फॉर्म 26एएस की मदद से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। लेकिन, एक्सपर्ट्स की सलाह है कि उन्हें फॉर्म 16 मिलने का इंतजार कर लेना चाहिए। इसकी वजह यह है कि फॉर्म 16 में कंसॉलिडेटेड और वेरिफायड डेटा होता है। इससे टैक्स डेक्लेरेशन में एक्युरेसी बनी रहती है। आम तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होती है।
फॉर्म 16 इश्यू में देरी की वजहें
एंप्लॉयर्स के 15 जून तक फॉर्म 16 जारी नहीं करने की कुछ वजहें हो सकती हैं। इनमें एडमिनिस्ट्रेटिव चैलेंजेज शामिल हैं। खासकर बड़ी कंपनियों में यह समस्या आती है, जिनमें एंप्लॉयीज की संख्या ज्यादा है। फॉर्म 16 तैयार करने में समय लगता है। ऐसे कई मामले होते हैं जिसमें एंप्लॉयी फाइनेंशियल ईयर के बीच में नौकरी छोड़ते हैं या ज्वाइन करते हैं। कुछ मामलों में सैलरी या टैक्स डिडक्शंस में गड़बड़ी होती है। ऐसे में फॉर्म 16 जारी करने के लिए ज्यादा समय चाहिए होता है।
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एंप्लॉयर से संपर्क किया जा सकता है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन एंप्लॉयीज को 15 जून तक फॉर्म 16 नहीं मिलता है, उन्हें अपने एंप्लॉयर से संपर्क करना चाहिए। कंपनी का फाइनेंस डिपार्टमेंट यह बता देगा कि किस तारीख तक फॉर्म 16 जारी कर दिया जाएगा। तब तक उन्हें इंतजार कर लेना चाहिए। आईटीआईर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। इस तरह 15 जून को बाद भी करीब डेढ़ महीने का समय होता है। यह रिटर्न फाइलिंग के लिए पर्याप्त समय है।