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इलेक्ट्रिक कार खरीदने से पहले उसके इश्योरेंस के नियमों को जान लीजिए

इलेक्ट्रिक कार के बीमा का प्रीमियम थोड़ा ज्यादा रहता है। लेकिन 1 जून से मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट ने पेट्रोल-डीजल कारों के बीमा का थर्ड पार्टी प्रीमियम बढ़ा दिया है। लेकिन, इलेक्ट्रिक कारों के थर्ड पार्टी बीमा पर 15 फीसदी का डिस्काउंट मिलता है

अपडेटेड Jun 13, 2022 पर 6:07 PM
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इलेक्ट्रिक कारों के लिए कम्प्रिहेंसिव पॉलिसी लेना फायदेमंद है।

महंगे पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) को देखते हुए लोगों की दिलचस्पी इलेक्टिक कारों (Electric Cars) में बढ़ रही है। एक बार पूरी तरह से चार्ज होने पर इलेक्ट्रिक कार करीब 300 किलोमीटर दूरी तय कर सकती है। इसलिए इसकी रनिंग कॉस्ट बहुत कम है।

इलेक्ट्रिक कारों में हाई-वोल्टेज लिथियम बैटरी (Lithium Battery) का इस्तेमाल होता है। यह व्हीकल का सबसे महंगा और अहम पार्ट है। इस बेटरी की मरम्मत नहीं होती है। खराब हो जाने पर इसकी जगह नई बैटरी लगाई जाती है। ज्यादातर कंपनियां इस बैटरी पर पांच से 8 साल की वॉरंटी देती हैं।

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इलेक्ट्रिक कार की बैटरी को आम तौर पर मेंटेनेंस की जरूरत नहीं पड़ती है। ये 8 से 10 साल तक चल जाती हैं। अगर आपको 8 साल के बाद बैटरी बदलने की जरूरत पड़ती है तो यह कम्प्रहेंसिव मोटर इश्योरेंस के तहत कवर होती है।

इलेक्ट्रिक कारों के लिए कम्प्रिहेंसिव पॉलिसी लेना फायदेमंद है। इसकी वजह यह है कि अगर बैटरी को चार्ज करने के दौरान आग लग जाती है तो यह ओन-डमैंज पॉलिसी के तहत कवर होगा। लेकिन, शर्त यह है कि आपको ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) से प्रमाणित चार्जर से ही कार को चार्ज करना होगा।

इलेक्ट्रिक कार के बीमा का प्रीमियम थोड़ा ज्यादा रहता है। लेकिन 1 जून से मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट ने पेट्रोल-डीजल कारों के बीमा का थर्ड पार्टी प्रीमियम बढ़ा दिया है। लेकिन, इलेक्ट्रिक कारों के थर्ड पार्टी बीमा पर 15 फीसदी का डिस्काउंट मिलता है।

इलेक्ट्रिक कारों का प्रीमियम पेट्रोल-डीजल की कारों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा होता है। इसलिए आपके लिए अपनी कार का इंश्योर्ड डेक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) सही तरह से तय करना जरूरी है। इससे आपकी कार को बड़ा नुकसान होने पर आपको फाइनेंशियल प्रोटेक्शन मिलेगा। IDV वह वैल्यू है, जो आपकी इलेक्ट्रिक कार के डैमेज होने, चोरी होने या मरम्मत होने पर आपको बीमा कंपनी की तरफ से आपको दी जाती है। अगर आपकी IDV गाड़ी की वैल्यू से कम है तो आपकी लायबिलिटी बढ़ जाएगी। इसका मतलब यह है कि आपको बीमा कंपनी की तरफ से कम रिइम्बर्समेंट मिलेगा।

इंडिया में इलेक्ट्रिक कार मार्केट अभी शुरुआती अवस्था में है। लेकिन, यह तेजी से बढ़ रहा है। बीमा के मामले में इलेक्ट्रिक व्हीकल पेट्रोल और डीजल की कारों के मुकाबले फायदेमंद है, क्योंकि इसमें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर आपको 15 फीसदी डिस्काउंट मिलता है।

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