Maharashtra Liquor Price: महाराष्ट्र में जल्द शराब महंगी हो जाएगी। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में शराब बेचने और बनाने के नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। सरकार ने शराब से होने वाली कमाई बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि इन कदमों से राज्य को हर साल करीब 14,000 करोड़ रुपये की एक्स्ट्रा आमदनी हो सकती है।
कैबिनेट ने एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी है, जिसने अन्य राज्यों के सफल मॉडलों को जानकर कई सुझाव दिये गए। अब राज्य में शराब की फैक्ट्रियों और डिस्टिलरी पर नजर रखने के लिए AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इससे शराब के अवैध कारोबार पर रोक लगेगी और पूरे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी।
महाराष्ट्र के इन शहरों में खुलेंगे ऑफिस
मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर, ठाणे और अहिल्यानगर जैसे शहरों में नए ऑफिस खोले जाएंगे ताकि शराब से जुड़े नियमों को सही ढंग से लागू किया जा सके।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ी, शराब महंगी होगी
सरकार ने देशी और विदेशी शराब पर टैक्स बढ़ा दिया है, जिससे इनके दाम भी बढ़ सकते हैं।
देशी शराब पर अब 205 रुपये प्रति लीटर टैक्स लगेगा। जो पहले 180 रुपये प्रति लीटर था।
IMFL यानी इंडियन मेड फॉरेन लिकर पर टैक्स प्रोडक्शन कॉस्ट लागत का 4.5 गुना होगा। ये पहले तीन गुना था।
शराब की रीटेल कीमतों पर पड़ेगा असर
महाराष्ट्र मेड लिकर (MML): 148 रुपये
महाराष्ट्र मेड लिकर (MML) की शुरुआत
सरकार ने MML (Maharashtra Made Liquor) नाम की एक नई शराब कैटेगरी शुरू की है। यह अनाज से बनने वाली शराब होगी और इसे सिर्फ महाराष्ट्र के प्रोड्यूसर ही बना सकेंगे। इससे राज्य में लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा।
नए लाइसेंस और ज्यादा स्टाफ
अब FL-2 और FL-3 तरह के शराब लाइसेंस यानी बंद बोतल बेचने वाले और होटल/रेस्तरां वाले दूसरे लोगों को conducting agreement के जरिए दिए जा सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें एक्स्ट्रा फीस देनी होगी। सरकार ने इस पूरी व्यवस्था को संभालने के लिए 1,223 नई पोस्ट यानी नौकरियों की मंजूरी दी है, ताकि नियमों को ठीक से लागू किया जा सके।
हालांकि सरकार का कहना है कि ये कदम राज्य की आमदनी बढ़ाने और जनता की योजनाओं जैसे लाडकी बहन योजना को फंड देने के लिए जरूरी हैं, लेकिन विपक्ष का कहना है कि शराब को बढ़ावा देना ठीक नहीं है। फिलहाल, सरकार का जोर इस पर है कि अवैध धंधों पर लगाम लगे और नियम सख्ती से लागू हों। इन बदलावों से महाराष्ट्र की शराब नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।