Get App

निवेश शुरू करने से पहले क्या लोन पूरी तरह से चुका देना समझदारी है?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर लोन का इंटरेस्ट रेट बहुत ज्यादा नहीं है तो उसके प्रीपेमेंट में जल्दबाजी करने का कोई फायदा नहीं है। खासकर ऐसे लोन के प्रीपेमेंट में जल्दबाजी का ज्यादा फायदा नहीं है जब आपको उस पर टैक्स में डिडक्शन का लाभ मिल रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 19, 2024 पर 4:18 PM
निवेश शुरू करने से पहले क्या लोन पूरी तरह से चुका देना समझदारी है?
अगर नौकरी ज्वाइन करने पर बड़ा ज्वाइनिंग बोनस मिलता है तो उसका इस्तेमाल इमर्जेंसी फंड बनाने के लिए किया जा सकता है।

फाइनेंशियल एडवाइजर्स निवेश की शुरुआत जल्द करने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि जल्द निवेश शुरू करने से बड़ा फंड तैयार करना आसान हो जाता है। लेकिन, सवाल है कि अगर पहले से लोन चल रहा है तो उसे पूरी तरह से चुका देने के बाद निवेश करना चाहिए या लोन की ईएमआई चुकाने के साथ निवेश किया जा सकता है? दरअसल, युवाओं के सामने ऐसी स्थिति आ रही है। कई स्टूडेंट प्रोफेशनल स्टडी के लिए एजुकेशन लोन लेते हैं। विदेश में पढ़ाई के लिए ज्यादा अमाउंट का एजुकेशन लेना पड़ता है। पढ़ाई के बाद नौकरी लगने पर हर महीने सैलरी मिलनी शुरू हो जाती है। कुछ कंपनियां ज्वाइनिंग बोनस भी देती हैं। तो क्या ज्वाइनिंग बोनस के पैसे का इस्तेमाल लोन चुकाने के लिए करना चाहिए?

लोन की EMI चुकाना पहली प्राथमिकता

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नौकरी शुरू करने पर एजुकेशन लोन की EMI पेमेंट पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन, निवेश के लिए लोन खत्म होने का इंतजार करना ठीक नहीं है। दोनों चीजें एक साल चल सकती हैं। अगर कोई व्यक्ति इनकम टैक्स की ओल्ड स्कीम का इस्तेमाल करता है तो एजुकेशन लोन (Education Loan) के इंटरेस्ट पर उसे डिडक्शन का फायदा मिलेगा। इससे उसकी टैक्स लायबिलिटी घट जाएगी। ज्वाइनिंग बोनस के पैसे का इस्तेमाल कर लोन को पूरी तरह चुका देने पर इस डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा।

ज्वाइनिंग बोनस का सही इस्तेमाल

सब समाचार

+ और भी पढ़ें