इंश्योरेंस कंपनियों के यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में इंश्योरेंस कवर के साथ मार्केट लिंक्ड रिटर्न मिलता है। 23 जुलाई को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स में नियमों में जो बदलाव के ऐलान किए हैं, उनका असर यूलिप पर भी पड़ेगा। बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स में बदलाव किया गया है। कुछ एसेट्स के होल्डिंग पीरियड में भी बदलाव किया गया है।
फाइनेंशियल एसेट्स की कैटेगरी में आता है यूलिप
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि बजट में टैक्स के नियमों में बदलाव के ऐलान का असर ULIP के रिटर्न पर पड़ेगा। यूलिप फाइनेंशियल एसेट्स की कैटेगरी में आता है। इसलिए कैपिटल गेंस टैक्स के नए रेट्स का असर यूलिप के रिटर्न पर पड़ेगा। पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में इनवेस्टमेंट्स के हेड विवेक जैन ने कहा कि 2.5 लाख रुपये से कम सालाना प्रीमियम वाली यूलिप पॉलिसीस पर टैक्स-फ्री मैच्योरिटी बेनेफिट मिलता रहेगा।
2.5 लाख से ज्यादा सालाना प्रीमियम वाले यूलिप पर असर
इसका मतलब यह है कि ऐसी ULIPs के पॉलिसीहोल्डर्स को लॉन्ग टर्म कैपिल गेंस (LTCG) टैक्स रीजीम के बावजूद टैक्स-फ्री मैच्योरिटी बेनेफिट मिलता रहेगा। सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा सालाना प्रीमियम वाले यूलिप के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर अब 12.5 फीसदी टैक्स देना होगा। हालांकि, एक साल में निवेशक का कुल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस 1.25 लाख रुपये से ज्यादा होने पर ही यह टैक्स चुकाना होगा।
एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ने के बावजूद चुकाना होगा ज्यादा टैक्स
बजट में एलटीसीजी नियमों में बदलाव के बाद ज्यादा प्रीमियम वाले यूलिप के पॉलिसीहोल्डर्स को एग्जेम्प्शन लिमिट बढ़ने के बावूजद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स चुकाना होगा। इसका असर यूलिप के कुल रिटर्न पर पड़ेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने इस हफ्ते की शुरुआत में पेश यूनियन बजट में कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में कई बदलाव का ऐलान किया।
यह भी पढ़ें: क्या बजट में ऐलान के बाद Gold Mutual Fund के मुकाबले गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है?
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस नियमों में बजट में बदलाव
वित्तमंत्री ने लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि खास फाइनेंशियल एसेट्स पर अब शॉर्ट टर्म कैपिटल गैंस टैक्स 15 फीसदी की जगह 20 फीसदी होगा। उधर, सभी फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल एसेट्स पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। हालांकि, सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स से एग्जेम्प्शन लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी है।