मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए नई योजना शुरू की है। राज्य सरकार ने इनकम बढ़ाने और खेती को फायदे का सौदा बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। खासकर धान की खेती करने वाले किसानों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री कृषक प्रोन्नति योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार धान उगाने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये की आर्थिक सहायता देगी।
धान की खेती करने वाले लाखों किसानों को अक्सर लागत बढ़ने और बाजार में भाव गिरने के कारण नुकसान उठाना पड़ता है। इसी को देखते हुए सरकार ने यह योजना शुरू की है ताकि किसानों को राहत मिले और वे धान की खेती से पीछे न हटें।
किसे मिलेगा योजना का लाभ?
इस योजना का सीधा फायदा उन किसानों को मिलेगा जो धान की फसल उगा रहे हैं। सरकार उनके खेती के क्षेत्रफल के आधार पर पैसा देगी। जैसे अगर कोई किसान 2 हेक्टेयर में धान की खेती करता है, तो उसे 8000 रुपये मिलेंगे। यह अमाउंट किसानों के बैंक खाते में मार्च महीने में सीधे ट्रांसफर की जाएगी, जब उन्हें पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
सरकार का टारगेट है कि किसान खेती से जुड़ें रहें और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो। बारिश, सूखा, और फसल की कीमत में गिरावट जैसे जोखिमों से जूझते किसान जब ऐसी मदद पाते हैं तो उन्हें खेती जारी रखने का हौसला मिलता है। खासतौर पर छोटे और मध्यम किसान जो सीमित संसाधनों के साथ खेती करते हैं, उनके लिए यह 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर की मदद बहुत काम आएगी।
पिछले साल यानी 2024 में करीब 6.69 लाख किसानों ने लगभग 12.2 लाख हेक्टेयर जमीन पर धान की फसल बेची थी। अब सरकार उन्हें ₹488 करोड़ की अतिरिक्त सहायता देगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
हालांकि योजना का फोकस धान पर है, लेकिन गेहूं की खेती करने वालों को भी सरकार ने खुश किया है। उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी मिलेगा, जिससे गेहूं का कुल दाम 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगा।
पात्रता और जरूरी प्रक्रिया
योजना का लाभ सिर्फ उन किसानों को मिलेगा जिन्होंने समय पर अपनी KYC प्रक्रिया पूरी की हो। साथ ही सरकार किसानों से संकल्प पत्र भी भरवाएगी जिसमें वे अपने खेत और फसल की जानकारी देंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सहायता सही किसानों तक पहुंचे। ‘मुख्यमंत्री कृषक प्रोन्नति योजना’ न सिर्फ किसानों को मौजूदा सीजन में मदद देगी बल्कि उन्हें भविष्य की खेती के लिए आत्मनिर्भर भी बनाएगी।