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मुंबई में 16 की बजाय 18 सितंबर को होगी ईद-ए-मिलाद की छुट्टी, इस कारण महाराष्ट्र सरकार ने लिया फैसला

ईद-ए-मिलाद पैगंबर मोहम्मद के जन्म के मौके पर मनाते हैं। इस अवसर पर मुसलमान दुनिया भर में जुलूस निकालते हैं। यह दिन इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी' अल-अव्वल में आता है। इस बार यह 16 सितंबर को पड़ रहा है है। हालांकि मुंबई में इस दिन छुट्टी नहीं होगी। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में ईद-ए-मिलाद की छुट्टी का दिन आगे खिसका दिया है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 14, 2024 पर 2:14 PM
मुंबई में 16 की बजाय 18 सितंबर को होगी ईद-ए-मिलाद की छुट्टी, इस कारण  महाराष्ट्र सरकार ने लिया फैसला
ईद-ए-मिलाद पैगंबर मोहम्मद के जन्म के मौके पर मनाते हैं। इस अवसर पर मुसलमान दुनिया भर में जुलूस में निकालते हैं। यह दिन इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी' अल-अव्वल में आता है।

Eid-e-Milad holiday in Mumbai: महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में ईद-ए-मिलाद की छुट्टी का दिन आगे खिसका दिया है। अब इस मौके पर मुंबई 16 सितंबर की बजाय 18 सितंबर को बंद रहेगी। सरकार ने यह कदम मुस्लिम समुदाय के स्थानीय नेताओं के अनुरोध पर लिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस नेता नसीम खान ने हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से ईद-ए-मिलाद के लिए छुट्टी 16 सितंबर की बजाय 18 सितंबर को करने की अपील की थी। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने पत्र में लिखा था कि अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को है तो मुस्लिम समुदाय ने ईद-ए-मिलाद का जुलूस 18 सितंबर को निकालने का फैसला किया है ताकि दोनों त्योहारों को धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जा सके। बता दें कि गणपति उत्सव का अंतिम दिन 17 सितंबर को पड़ रहा है, जबकि ईद-ए-मिलाद के 16 सितंबर को मनाए जाने की संभावना है लेकिन चंद्रमा की स्थिति के मुताबिक इसमें बदलाव भी हो सकता है।

सरकार ने जारी किया आदेश

महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में ईद-ए-मिलाद की आधिकारिक छुट्टी 16 सितंबर से आगे खिसकाकर 18 सितंबर कर दी है। इसका आधिकारिक बयान भी आ गया है। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (जोन 1) पंकज दहाने के मुताबिक पिछले साल भी मुस्लिम समुदाय ने अपनी धार्मिक गतिविधियों को रीशेड्यूल करने का अनुरोध किया था ताकि गणपति विसर्जन पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह एकता और दोनों समदुायों के सहअस्तित्व को दिखाता है। मुंबई में ईद-ए-मिलाद का जुलूस तुर्भे से शुरू होता है और वाशी, कोपरखैरेने होते हुए घंसोली दरगाह पर समाप्त होता है।

क्यों मनाते हैं Eid-e-Milad?

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