Investment Tips: छोटी और मझोली कंपनियों में (Micro & Small-cap) निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह इन कंपनियों में तेजी से बढ़ने की क्षमता है। इनमें अच्छा रिटर्न मिलने की गुंजाइश भी होती है। हालांकि, सिर्फ उत्साह के आधार पर निवेश करना काफी जोखिम भरा हो सकता है।
इन कंपनियों के पास सीमित वित्तीय संसाधन होते हैं। साथ ही, पारदर्शिता की भी कमी होती है, इसलिए निवेश से पहले गहराई से एनालिसिस करना जरूरी है। किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसके बिजनेस मॉडल, वित्तीय स्थिरता, बाजार में स्थिति और नेतृत्व की क्षमता का मूल्यांकन करना बेहद जरूरी होता है।
माइक्रो और स्मॉल कंपनियों का कैसा है भविष्य?
भारत फिलहाल में आर्थिक विस्तार के काफी अहम पड़ाव है। जैसे कि चीन, जापान और दक्षिण कोरिया अपने विकास के शुरुआती दौर में थे। सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI)' जैसी नीतियां औद्योगीकरण और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रोत्साहित कर रही हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और शहरी विकास में किए जा रहे बड़े निवेश के कारण आर्थिक गतिविधि में वृद्धि हो रही है। वहीं, मध्यवर्ग के विस्तार और उनकी बढ़ती क्रय शक्ति से उपभोक्ता मांग में भी जोरदार इजाफा हो रहा है।यह आर्थिक माहौल छोटे और मझोले बिजनेस के लिए अवसर के नए दरवाजे खोल रहा है।
छोटी कंपनियां किन क्षेत्रों में आगे बढ़ सकती हैं?
Finavenue में फंड मैनेजर अभिषेक जायसवाल का कहना है कि छोटी कंपनियां अपने लचीलेपन के कारण तेजी से बदलते बाजार के अनुसार खुद को ढाल सकती हैं। कुछ प्रमुख क्षेत्र जहां छोटे बिजनेस को अधिक अवसर मिल रहे हैं:
जायसवाल का मानना है कि छोटे बिजनेस को बड़े कॉरपोरेट की तुलना में नौकरशाही संबंधी जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ता। इससे वे बाजार की बदलती जरूरतों के अनुसार तेजी से इनोवेशन और फैसला ले पाते हैं। जो कंपनियां मजबूत वित्तीय प्रबंधन, प्रभावी पूंजी आवंटन और स्पष्ट विकास रणनीति अपनाती हैं, वे अगले दशक में प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकती हैं।
इन्वेस्टमेंट के लिए निवेशकों की रणनीति कैसी होनी चाहिए?
अर्थव्यवस्था के चक्रीय (Cyclical) स्वभाव को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को सही समय पर निवेश करने की रणनीति बनानी चाहिए। कुछ खास बातें हैं, जिनका उन्हें ध्यान रखना चाहिए।
इसीलिए निवेश के लिए बेहतर प्लानिंग करना और धैर्य रखना बेहद जरूरी है। एकमुश्त निवेश (Lump Sum Investment) करने के बजाय चरणबद्ध (Staggered) यानी धीरे-धीरे निवेश बढ़ाने वाली रणनीति अपनाने से जोखिम कम होता है। इससे लॉन्ग टर्म में अच्छा मुनाफा होने की गुंजाइश भी बढ़ जाती है।
सही कंपनियों का चयन कैसे करें?