Investment Tips: बाजार में गिरावट का दौर खत्म? अब क्या करें SIP निवेशक
भारतीय शेयर बाजार में रिकवरी दिख रही है, लेकिन एक्सपर्ट तय नहीं कर पा रहे कि गिरावट खत्म हो गई है या नहीं। हालांकि, उन्होंने SIP और खुद से पैसा लगाने वाले निवेशकों को कुछ खास सलाह दी है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम कर देता है।
Mutual Fund SIP: शेयर बाजार में लगातार गिरावट के बाद अब कुछ रिकवरी दिख रही है। हालांकि, एक्सपर्ट अभी भी इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि बाजार ने अपना निचला स्तर (bottom) बना लिया है या नहीं। लेकिन एक बात पर सबकी सहमति है- म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपनी SIP जारी रखनी चाहिए, खासकर स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में।
SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम कर देता है। आपकी निवेश और बचत करने की आदत भी बनी रहती है। साथ ही, कुछ नकद राशि बचाकर रखना भी अच्छा रहेगा ताकि अगर बाजार फिर से गिरे तो सस्ते में अच्छे स्टॉक्स खरीदने का मौका मिले।
रिकवरी के बावजूद सतर्क रहें निवेशक
पिछले दो हफ्तों में बाजार ने अच्छी रिकवरी दिखाई है। सबसे ज्यादा तेजी स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में देखने को मिली है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले छह महीनों में इन्हीं सेगमेंट्स में सबसे ज्यादा गिरावट भी आई थी।
इसके बावजूद, SIP के जरिए लगातार निवेश हो रहा है, जिससे इन फंड्स में मांग बनी हुई है। मिडकैप और स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स को बाजार में उथल-पुथल के दौरान भी लगातार निवेश मिल रहा है।
क्या बाजार की असली वापसी हो चुकी है?
मनी मंत्रा के फाउंडर विरल भट्ट का मानना है कि मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में हाल की तेजी निवेशकों के आत्मविश्वास को दिखाती है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि अब बाजार में और गिरावट नहीं आएगी। वहीं, क्रेडेंस वेल्थ के फाउंडर कीर्तन शाह भी मानते हैं कि अभी यह तय करना मुश्किल है कि बाजार का निचला स्तर बन चुका है या नहीं। लेकिन उनका मानना है कि स्मॉलकैप सेगमेंट में अब अच्छे निवेश के मौके मिलने लगे हैं।
मिडकैप को लेकर उनका कहना है कि यह अब भी थोड़ा महंगा दिख रहा है। SEBI के नियमों के मुताबिक, मिडकैप फंड्स को सिर्फ 150 स्टॉक्स में निवेश करना होता है, जिससे इन स्टॉक्स में ज्यादा पैसा आता है। वहीं, स्मॉलकैप स्टॉक्स की संख्या ज्यादा होने से निवेशकों के पास ज्यादा विकल्प होते हैं।
SIP निवेशकों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
भट्ट और शाह दोनों का मानना है कि SIP निवेशकों को अपने लॉन्ग-टर्म प्लान पर टिके रहना चाहिए, खासतौर पर अगर वे 4-5 साल के नजरिए से निवेश कर रहे हैं। भट्ट का कहना है, "लॉन्ग-टर्म SIP रणनीति उतार-चढ़ाव वाले बाजारों में बेहतर काम करती है।"
स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स की परफॉर्मेंस
फंड कैटेगरी
1 सप्ताह रिटर्न (%)
6 महीने रिटर्न (%)
Smallcap
3.83
-16.11
Midcap
3.80
-13.99
Large & Midcap
3.70
-11.97
Value
3.66
-12.60
Dividend Yield
3.63
-12.40
Contra
3.63
-12.00
ELSS
3.54
-11.93
Multicap
3.48
-12.65
Flexicap
3.44
-12.43
Focused
3.43
-12.06
Largecap
3.42
-10.42
(Source: ACE MF, डेटा 25 मार्च 2025 तक)
क्या लंप सम निवेश करना सही रहेगा?
एक्सिओम फाइनेंशियल सर्विसेज के CEO दीपक छाबड़िया का मानना है कि बाजार में सबसे बुरा दौर शायद निकल चुका है, लेकिन अगर कोई नई नकारात्मक खबर आती है, तो बाजार फिर गिर सकता है। उनका कहना है कि कि इस समय स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट में एकमुश्त (लंप सम) निवेश करना सही नहीं होगा।
छाबड़िया ने कहा, "इन सेगमेंट्स में फंड मैनेजर अभी अपनी रणनीति को फिर से व्यवस्थित कर सकते हैं। वे उन शेयरों में से हिस्सेदारी घटा सकते हैं जो महंगे लग रहे हैं और उन कंपनियों में निवेश बढ़ा सकते हैं जिनकी वैल्यूएशन आकर्षक है। इसलिए, बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।"
अगर कोई निवेशक स्मॉलकैप और मिडकैप में ओवरवेटेड है और ज्यादा जोखिम नहीं झेल सकता, तो उसे अपने पोर्टफोलियो को फ्लेक्सीकैप और लार्जकैप में भी संतुलित करना चाहिए।
निवेशकों को आगे क्या करना चाहिए?
कई मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों ने हाल के वर्षों में मजबूत कमाई दर्ज की है। खासतौर पर कैपिटल गुड्स, ऑटो एंसिलियरी, मैन्युफैक्चरिंग और स्पेशलिटी केमिकल्स जैसे सेक्टर्स में। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन कंपनियों के वैल्यूएशन ऐतिहासिक रूप से ऊंचे स्तर पर पहुंच गए हैं। इससे मीन रिवर्शन (Mean Reversion) यानी बाजार का सामान्य स्तर पर लौटने का जोखिम बना हुआ है।
DIY (Do it yourself) यानी खुद से पैसा लगाने वाल निवेशकों के लिए भट्ट की सलाह है कि स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट में उन्हीं कंपनियों को चुनें जिनकी बैलेंस शीट मजबूत हो, कैश फ्लो स्थिर हो और प्रोफेशनल मैनेजमेंट हो। उनका कहना है, "इन सेगमेंट्स में लिक्विडिटी शॉक का खतरा ज्यादा रहता है। अगर कोई वैश्विक संकट आता है या बाजार में भारी गिरावट होती है, तो स्मॉलकैप और मिडकैप सबसे पहले गिरते हैं और सबसे बाद में रिकवरी करते हैं।"