बिहार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 26 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में ₹10,000 की पहली किस्त सीधे ट्रांसफर की। यह राशि महिलाओं को अपने खुद के स्वरोजगार या छोटा व्यवसाय शुरू करने में सहायता के रूप में दी जा रही है। योजना के तहत कुल 1.4 करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है, और यह प्रक्रिया 3 अक्टूबर से शुरू होकर 26 दिसंबर 2025 तक चलेगी। इस योजना की खास बात यह है कि इस योजना की किस्त सिर्फ शुक्रवार को ही बैंक के खाते में जमा की जाएंगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बिहार की महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में बढ़ावा देना है। शुरुआत में सभी पात्र महिलाओं को ₹10,000 की पहली किस्त दी जाती है ताकि वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। छह माह बाद उनके काम की प्रगति के आधार पर ₹2 लाख तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिल सकती है। साथ ही महिलाओं को बिजनेस मैनेजमेंट और उद्यमिता का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपने कारोबार को सफल बना सकें। जीविका स्वयं सहायता समूह और ग्राम संगठन इस योजना को क्रियान्वित कर रहे हैं।
योजना का लाभ केवल बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं को मिलेगा जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच हो। हर परिवार की केवल एक महिला ही इस योजना का लाभ उठा सकती है। अगर परिवार में कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी है, पेंशन प्राप्त कर रहा है या आयकर दाता है, तो वह परिवार योजना का लाभ नहीं ले पाएगा। इसके साथ योजना के तहत लाभ लेने के लिए प्रशिक्षण लेना भी अनिवार्य है।
आवेदन के लिए सबसे पहले महिलाओं को जीविका स्वयं सहायता समूह में जुड़ना होगा। जो महिलाएं पहले से जुड़ी हैं, उन्हें अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। जिन महिलाओं ने अब तक आवेदन नहीं किया, वे या तो ग्राम स्तर पर अपने समीपस्थ ग्राम संगठन में जाकर फॉर्म भर सकती हैं या शहरी महिलाएं ऑनलाइन योजना के आधिकारिक पोर्टल https://mmry.brlps.in/ पर जाकर आवेदन कर सकती हैं। ऑनलाइन आवेदन में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करना होगा। आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रखी गई है ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ ले सकें।
सरकार ने इस योजना के तहत भुगतान को नियमित और समयबद्ध बनाने के लिए हर शुक्रवार को किस्त भेजने का निर्णय लिया है। 3 अक्टूबर से शुरू होकर हर शुक्रवार को ₹10,000 की किश्त महिलाओं के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। योजना के अंतर्गत आगे यदि महिला का कारोबार सफल रहता है तो अतिरिक्त आर्थिक सहायता के साथ-साथ रोजगार को स्थायी बनाने के लिए अन्य योजनाओं और प्रशिक्षण का भी प्रबंध किया जाएगा। इस पहल से बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और सामाजिक-आर्थिक मजबूती हासिल करने का अवसर मिलेगा।