भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 अक्टूबर आज से शुरू होकर एक वर्ष तक चलने वाली प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की है जिसका उद्देश्य निष्क्रिय खातों (इनऑपरेटिव अकाउंट्स) और बिना दावा की गई जमा राशि (अनक्लेम्ड फंड) को कम करना है। इस योजना के तहत बैंकों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जो उन खातों में जमा राशि और निष्क्रिय रहने की अवधि पर आधारित होगी, ताकि बैंक सक्रिय रूप से ग्राहकों से संपर्क कर उनके खाते पुनः चालू करें और अनक्लेम्ड राशि सही हकदारों को वापस करें।
चार साल तक निष्क्रिय खातों वाली जमा राशि पर बैंक को 5% या 5,000 रुपये (जो कम हो) तक प्रोत्साहन मिलेगा। चार से आठ साल तक निष्क्रिय खातों पर यह प्रोत्साहन 6% या 10,000 रुपये तक होगा। आठ से दस साल के खातों के लिए 7% या 15,000 रुपये तक प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं, दस साल से अधिक निष्क्रिय खातों पर यह राशि 7.5% या अधिकतम 25,000 रुपये तक होगी।
यह योजना बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाने और जमाकर्ताओं की धनराशि को सुरक्षित करने के लिए बनाई गई है। जमा राशि तुरंत दावा न करने वाले खातों को डीईए (Depositor Education and Awareness) फंड में ट्रांसफर कर दिया जाता है, लेकिन ग्राहक कभी भी इस धन को वापस प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना से जमा राशि वापस पाने का प्रक्रियात्मक अधिकार मजबूत होगा, जिससे वित्तीय विश्वास और समावेशन को बल मिलेगा।
कस्टमर्स अब अपने निष्क्रिय खातों को पुनः सक्रिय करने के लिए केवाईसी अपडेट वीडियो-केवाईसी, किसी भी बैंक शाखा या व्यवसाय प्रतिनिधि के जरिए कर सकते हैं। बैंक तिमाही आधार पर प्रोत्साहन लिए गए दावों की रिपोर्ट RBI को प्रस्तुत करेंगे जिसे वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा सत्यापित किया जाएगा।