Mutual Funds Cash Holdings: देश के टॉप म्यूचुअल फंड्स के पोर्टफोलियो में मार्च 2025 के दौरान कैश होल्डिंग्स और इनवेस्टमेंट पैटर्न में बड़ा अंतर देखने को मिला। PPFAS म्यूचुअल फंड ने सबसे ज्यादा 21.9% कैश रखा, उसके बाद मोतीलाल ओसवाल (17.8%) और क्वांट म्यूचुअल फंड (10.3%) रहे। इसके उलट, मीराए एसेट (1.3%) और कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड (2.5%) में सबसे कम कैश होल्डिंग दर्ज हुई।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में टॉप 20 एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) की कुल इक्विटी वैल्यू में 7.5% की मासिक (MoM) और 23.5% की सालाना (YoY) बढ़ोतरी दर्ज की गई। अगर टॉप 10 फंड्स में सबसे तेज ग्रोथ इन कंपनियों में दिखी:
म्यूचुअल फंड्स ने कहां लगाया सबसे ज्यादा पैसा?
म्यूचुअल फंड्स ने मार्च में निफ्टी 50 के 52% शेयरों में खरीदी की। इसमें सबसे अधिक 18% खरीदारी जियो फाइनेंशियल में हुई। उसके बाद टाटा कंज्यूमर (12.8%), जोममैटो (10.2%) और बजाज फिनसर्व (7.5%) का नंबर रहा। निफ्टी मिडकैप 100 के 53% शेयरों और स्मॉलकैप 100 के लगभग 73% शेयरों में भी फंड्स ने नेट खरीदी की। इससे जाहिर होता है कि निवेशक छोटे और मझोले स्टॉक्स में भरोसा जता रहे हैं।
भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने FY25 में शानदार प्रदर्शन किया। कुल AUM ₹12.3 लाख करोड़ बढ़कर ₹65.7 लाख करोड़ तक पहुंच गया यानी 23% की सालाना बढ़त। SIP निवेश भी तेजी से बढ़ा। मार्च 2025 में ₹25,930 करोड़ का इनफ्लो हुआ। इसका मतलब है कि 34.5% की सालाना बढ़त। हालांकि मंथली बेसिस पर SIP में मामूली गिरावट (0.3%) रही।
सेक्टर अलोकेशन में बड़े बदलाव
FY25 में म्यूचुअल फंड्स ने अपने सेक्टर आधारित पोर्टफोलियो में रणनीतिक बदलाव किए:
वहीं दूसरी तरफ ग्लोबल साइक्लिकल्स (खासकर ऑयल एंड गैस) में 70bps की गिरावट आई और वेट घटकर 8.7% रह गया। इसकी वजह रही ग्लोबल एनर्जी मार्केट में अनिश्चितता और क्लीन एनर्जी की ओर बढ़ता रुझान।