MWP Act: जब बात महिलाओं की आर्थिक आजादी की होती है, तो अक्सर नए कानून, नई योजनाएं और नारे सामने आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा कानून मौजूद है, जो पिछले करीब 150 सालों से महिलाओं की संपत्ति की रक्षा कर रहा है, वो भी बिना ज्यादा चर्चा के? यह है – Married Women’s Property Act, 1874 (MWP Act)।
MWP Act की जरूरत क्यों पड़ी थी?
एक वक्त था, जब शादी के बाद महिला की कमाई, जमीन, गहने- सब कुछ पति की संपत्ति मानी जाती थी। अगर पति पर कर्ज होता या वह दिवालिया हो जाता, तो पत्नी की संपत्ति भी खतरे में पड़ जाती थी। ऐसे में MWP Act ने पहली बार कानूनन कहा- 'जो महिला का है, वो सिर्फ उसी का रहेगा।'
ब्रिटिश राज में बना ये कानून इंग्लैंड के इसी तरह के एक कानून से प्रेरित था। हालांकि, भारत में इसकी अहमियत और भी ज्यादा थी क्योंकि यहां सामाजिक ढांचा महिलाओं को पहले ही सीमित अधिकार देता था।
रियल लाइफ में कई ऐसे उदाहरण हैं, जब MWP Act का इस्तेमाल करने से शादीशुदा महिला का उसकी संपत्ति पर हक बरकरार रहा। न तो बैंक के कर्ज पर डिफॉल्ट करने पर बैंक महिला की संपत्ति से वसूली कर पाया, न बीमा की रकम से कर्ज वसूला जा सका। और न ही MWP Act के वजह से रिश्तेदार बीमा के पैसे हड़प पाए।
MWP Act का इस्तेमाल कैसे करें?
यह बहुत ही आसान है। जब भी आप नई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदें, तो उसमें एक विकल्प होता है: 'Apply MWP Act'। आपको बस उसे सेलेक्ट करना होता है। इसे सिर्फ उसी वक्त किया जा सकता है यानी अगर आप बाद में उस एक्ट को जोड़ना चाहें, तो वह नहीं हो सकेगा।
MWP Act ज्यादा इस्तेमाल क्यों नहीं होता?
सीधा जवाब है- जानकारी की कमी। लोग जानते ही नहीं कि ऐसा कोई कानून है जो एक टिक लगाने भर से उनकी पत्नी और बच्चों का भविष्य कानूनी तौर पर सुरक्षित कर सकता है। MWP Act सिर्फ एक पुराना कानून नहीं, बल्कि शादीशुदा महिलाओं के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच है।
जब देश में महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रही हैं, तब इस कानून को जानना और अपनाना और भी जरूरी हो गया है। MWP Act को अपनाना एक छोटा-सा कदम है, लेकिन इसका असर पीढ़ियों तक चलता है।