अधिकांश लोग आज भी सोचते हैं कि रियल एस्टेट में निवेश का मतलब फ्लैट या प्लॉट खरीदना है, लेकिन विशेषज्ञों की नई सलाह इस पुराने फॉर्मूले को चुनौती दे रही है। Alchemy Landbase के फाउंडर इश्मीत सिंह रैना के अनुसार, अब रियल एस्टेट में पैसा कमाने के दो बिल्कुल नए तरीके लोकप्रिय हो रहे हैं फ्रैक्शनल ओनरशिप और रियल एस्टेट फंड में भागीदारी।
फ्रैक्शनल ओनरशिप को यदि आसान भाषा में समझें तो यह दोस्तों के साथ पिज्जा बांटने जैसा है। इसमें आपको पूरी प्रॉपर्टी खरीदने की जरूरत नहीं है, बल्कि कमर्शियल बिल्डिंग या कोई लग्जरी विला का छोटा हिस्सा खरीदा जा सकता है। इस हिस्से पर न सिर्फ किराया, बल्कि प्रॉपर्टी के मूल्य बढ़ने से भी फायदा मिलता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सिर्फ 10-15 लाख रुपये से भी निवेश की शुरुआत की जा सकती है। अनुमान है कि साल 2030 तक यह मॉडल भारत में 5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है और अब सामान्य निवेशक भी कम पूंजी से बड़े रिटर्न पा सकते हैं।
वहीं रियल एस्टेट फंड की बात करें तो यह पूरी तरह प्रोफेशनल ढंग से चलाए जाते हैं। निवेशक यहां एक क्लब की तरह भाग लेते हैं, पूल्ड फंड में पैसा लगाते हैं और एक्सपर्ट्स द्वारा चुनी गई प्रॉपर्टी में निवेश होता है। REITs और SM-REITs निवेशकों को बिना प्रॉपर्टी की जिम्मेदारी लिए कमाई का मौका देते हैं। प्रॉपर्टी का चुनाव, मेंटेनेंस और सेल ऑल कुछ एक्सपर्ट्स संभालते हैं, जिससे निवेशकों को पैसिव इनकम मिलती है और उनकी पूंजी कई प्रॉपर्टीज़ में फैली रहती है।
यह बदलाव न सिर्फ निवेश की परिभाषा बदल रहे हैं, बल्कि उस वर्ग के लिए भी नए दरवाजे खोल रहे हैं, जो कम रकम में बड़े रिटर्न चाह रहे हैं। पारंपरिक फ्लैट या प्लॉट खरीदने के बजाय आज का निवेशक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो और प्रोफेशनल मैनेजमेंट के साथ अधिक सुरक्षित और आसान मुनाफा पा रहा है। भविष्य में रियल एस्टेट निवेश का यह ट्रेंड मुख्य धारा बन सकता है, जिसमें पारंपरिक सोच से हटकर स्मार्ट निवेश के अवसर बनेंगे।