यूनियन बजट 2025 हाल के वर्षों में आए उन बजटों में से एक है, जिसमें हुए ऐलान के बारे में पहले से अंदाजा था। खासकर आम आदमी और टैक्सपेयर्स को राहत की उम्मीद पहले से थी। सरकार का फोकस कई साल पुराने जटिल टैक्स सिस्टम को आसान बनाने पर बढ़ा है। यह स्वागतयोग्य कदम है। इस साल के बजट को देखकर सरकार का 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का स्लोगन सही लगता है। इसकी वजह यह है कि इस बजट में टैक्सपेयर्स का खास ध्यान रखा गया है। इसमें टैक्स की प्रक्रिया को आसान बनाने की कोशिश की गई है।
इस बजट में सैलरीड क्लास (Salaried Class) से लेकर घर के मालिक (Home Owners) और बिजनेस करने वाले लोगों को राहत देने के उपाय किए गए हैं। उनके लिए टैक्स सिस्टम को आसान और पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है। यह उस टैक्स सिस्टम में रिफॉर्म की दिशा में पॉजिटिव कदम है, जिसका फायदा आम आदमी को मिलता है और इसका इकोनॉमिक ग्रोथ में योगदान है। इस बजट का सबसे बड़ा फैसला इनकम टैक्स से छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये करना है। इससे 12 लाख सालाना कमाई वाले टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ कम हो गया है। इसका फायदा लाखों टैक्सपेर्स खासकर मिडिल क्लास परिवारों को मिलेगा।
हर टैक्सपेयर्स के हाथ में पैसे बचेंगे
12 लाख रुपये तक की इनकम पर जीरो टैक्स होने से लोगों के हाथ में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। इससे कंजम्प्शन बढ़ेगा। लोगों की सेविंग्स और निवेश बढ़ेगा। इससे इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। 12 लाख रुपये से ज्यादा कमाई वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी। इनकम के हिसाब से उनकी सालाना 70,000 रुपये से एक लाख रुपये तक की सेविंग्स होगी। अब टैक्स स्ट्रक्चर आसान हो गया है, जिससे अलग-अलग इनकम ग्रुप वाले लोगों को राहत मिली है। सरकार नया इनकम टैक्स एक्ट पेश करने वाली है। इसका मकसद टैक्स सिस्टम को आसान बनाना है। सरकार TDS और TCS के नियमों में भी बदलाव किया है। इससे इंडिविजुअल्स और बिजनेसेज के लिए पेपरवर्क घटेगा। इससे कंप्लायंस को बढ़ावा मिलेगा।
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एक से ज्यादा घर है तो टैक्स में राहत
सरकार ने घर के मालिकों को टैक्स में बड़ी राहत दी है। खासकर ऐसे लोगों को ज्यादा राहत मिली है, जिनके पास एक से ज्यादा घर हैं। सरकार ने दो घरों को सेल्फ-ऑक्युपायड पॉपर्टीज मानने की इजाजत दी है। इससे उन लोगों पर टैक्स का बोझ घटेगा, जिनके पास एक से ज्यादा घर हैं। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की कोशिश एक इनक्लूसिव टैक्स सिस्टम बनाने की है। इससे हर टैक्सपेयर्स को फायदा होगा।
(लेखक जर्मिनेट इनवेस्टर सर्विसेज के को-फाउंडर और सीईओ हैं)