इंश्योरेंस एजेंट एक ही कैटेगिरी में एक साथ कई कंपनियों के पॉलिसी नहीं बेच पाएंगे। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ओपन आर्किटेक्चर मॉडल (Open architecture model) का प्रस्ताव वापस ले सकती है। इंश्योरेंस एजेंट के नियमों में ढील नहीं दी जाएगी। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इंश्योरेंस एजेंट के नियमों में बदलाव की उम्मीद नहीं है। अब एजेंट एक साथ कई कंपनियों की पॉलिसी नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए सरकार ओपन आर्किटेक्चर मॉडल प्रस्ताव वापस ले सकती है। सूत्रों के मुताबिक एंजेट अब हर कैटेगिरी में एक ही कंपनी की पॉलिसी बेच पाएंगे।
LIC और SBI LIFE ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था । अब एजेंट को 1 ही लाइफ,जनरल या हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से जुड़ने की इजाजत होगी। एजेंट कई कंपनियों के लाइफ,जनरल या हेल्थ प्रोडक्ट एक साथ नहीं बेच पाएंगे। हालांकि उनको लाइफ,नॉन-लाइफ, हेल्थ में अलग कंपनियो से जुड़ने की इजाजत होगी।
LIC के पास एजेंटों का बड़ा नेटवर्क है। वित्त वर्ष 2025 के अंत तक LIC के पास 15 लाख एजेंट थे जो पूरी इंडस्ट्री के 48 फीसदी हैं। प्रीमियम में एजेंट्स के योगदान की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 में LIC के प्रीमियम में एजेंट्स का योगदानस 94 फीसदी रहा। वहीं,SBI Life के प्रीमिमय में एजेंट्स का योगदान 21 फीसदी है।