GST on UPI transactions : सरकार ने उन खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया जा रहा था कि 2,000 रुपये से ज़्यादा के UPI लेनदेन पर GST लगाने की योजना बनाई जा रही है। वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में इन दावों को “झूठा, भ्रामक और बिना किसी आधार के” बताया है। बयान में कहा गया, “सरकार के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह खबर पूरी तरह गलत है।”
UPI ट्रांजैक्शन पर लगेगा GST?
सरकार ने आम लोगों और व्यापारियों को भरोसा दिलाते हुए कहा है कि UPI के ज़रिए डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की उसकी नीति जारी रहेगी और इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए। वित्त मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि GST केवल उन्हीं चार्जेस पर लगाया जाता है जो पेमेंट गेटवे या अन्य माध्यमों द्वारा लगाए जाने वाले सर्विस शुल्क (जैसे Merchant Discount Rate - MDR) से जुड़े होते हैं।
सरकार ने एक बार फिर साफ किया है कि UPI लेनदेन पर कोई जीएसटी (GST) नहीं लगाया जाता। दरअसल, कुछ विशेष उपकरणों के ज़रिए किए गए भुगतानों में लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) पर ही जीएसटी लागू होता है। जनवरी 2020 से CBDT ने P2M (Person to Merchant) UPI ट्रांजैक्शन पर MDR को हटा दिया है, जिसका अर्थ है कि UPI पेमेंट पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
जनवरी 2020 से, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक अधिसूचना जारी कर व्यक्ति से व्यापारी (P2M) लेनदेन पर MDR पूरी तरह हटा दिया है। इसके चलते, इन लेनदेन पर जीएसटी भी नहीं लिया जाता। ACI वर्ल्डवाइड की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दुनिया भर में हुए रीयल-टाइम डिजिटल भुगतानों में से 49% सिर्फ भारत में हुए। यह भारत की डिजिटल पेमेंट तकनीक में अग्रणी भूमिका को दर्शाता है।