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Personal Finance Tips: अच्छी इनकम के बावजूद आपको पैसे की तंगी रहती है? इस्तेमाल करें सिर्फ ये 5 टिप्स

आज 30 और 40 साल से ज्यादा उम्र के कई लोगों की समस्या यह है कि अच्छी कमाई के बावजूद उन्हें पैसे की तंगी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या का समाधान है। इसके लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। यह समझने की जरूरत है कि अगर आज हम पर्याप्त सेविंग्स और इनवेस्टमेंट नहीं कर रहे हैं तो कल हमें दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है

अपडेटेड Jul 29, 2025 पर 9:59 AM
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एक्सपर्टस का कहना है कि सेविंग्स और इनवेस्टमेंट जितना जल्द शुरू किया जाए, उतना ज्यादा फायदा मिलता है।

कई लोग अच्छी कमाई के बावजूद पैसे की तंगी का सामना करते हैं। गुड़गांव की एक आईटी कंपनी में नौकरी करने वाले सौरव दीक्षित इनमें से एक हैं। उनकी सैलरी 1 से 1.5 लाख के बीच है। 36 साल के दीक्षित के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। दोनों बच्चे स्कूल जाते हैं। उनकी पत्नी हाउस-वाइफ हैं। दीक्षित के पास दो क्रेडिट कार्ड हैं, जिनके बिल का वह सिर्फ मिनिमम अमाउंट पेमेंट कर पाते हैं। दीक्षित इस वजह से वे पर्याप्त सेविंग्स और इनवेस्टमेंट नहीं कर पाते। इसका असर उनके रिटायरमें प्लानिंग पर पड़ना तय है।

फाइनेंशियल एडवाजर्स का कहना है कि दीक्षित की समस्या जल्द खत्म हो सकती है। उनकी जितनी लायबिलिटी है, उसके हिसाब से उन्हें पैसे की तंगी नहीं होनी चाहिए। उन्हें फाइनेंस की अपनी गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए खुद पहल करनी होगी। वह इसमें जितनी देर करेंगे, उनकी समस्या उतनी बढ़ती जाएगा। फाइनेंशियल एडवाइजर्स का कहना है कि आज बड़ी संख्या में ऐसे परिवार है, जिनकी समस्या दीक्षित जैसी है।

1. इनकम और खर्च का सही कैलकुलेशन

नौकरी करने वाले लोगों के बैंक अकाउंट में हर महीने के अंत में सैलरी आती है। दीक्षित का खर्च उनकी सैलरी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। उन्हें सबसे पहले अपने जरूरी खर्चों का हिसाब जोड़ना होगा। इसमें घर का किराया या Home Loan EMI, खाने-पीने का खर्च, बच्चों की स्कूल फीस, कार या बाइक के पेट्रोल का खर्च, Insurance Premium का पेमेंट आदि शामिल हैं। जरूरी खर्चों को जोड़ने के बाद उन्हें इसे अपनी इनकम से घटाना होगा। इससे पता चलेगा कि जरूरी खर्चों के बाद कितना पैसा बचता है।


2. फिजूलखर्ची पर रोक

दीक्षित को फिजूलखर्ची रोकनी होगी। हर उस चीज को खरीदने से पहले उन्हें खुद से यह सवाल करना होगा कि क्या इसके बगैर उनका काम चल सकता है। अगर उनका काम चल सकता है तो फिर उन्हें उस चीज को खरीदने का प्लान कैंसल कर देना होगा। आम तौर पर हम कई ऐसी चीजें खरीदते रहते हैं, जिनकी हमें जरूरत नहीं रहती है। इससे हमारा वह पैसा बेकार चला जाता है, जिसका प्रोडक्टिव इस्तेमाल हो सकता था।

3. क्रेडिट कार्ड का कम इस्तेमाल

क्रेडिट कार्ड खर्च करने की हमारी क्षमता बढ़ा देता है। हमारी बढ़ी हुई क्षमता बाद में कर्ज के रूप में हमारे लिए बड़ी मुसीबत बन जाती है। फिर व्यक्ति कर्ज के ऐसे जाल में फंस जाता है, जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है। दीक्षित को सबसे पहले अपने क्रेडिट कार्ड के बिल को क्लियर करना होगा। पार्ट पेमेंट की वजह से हर महीने काफी पैसा सिर्फ इंटरेस्ट चुकाने पर चला जाता है। दीक्षित कंपनी से मिलने वाले बोनस या वेरिएबल पे का इस्तेमाल क्रेडिट कार्ड के अपने बिल को क्लियर करने के लिए कर सकते हैं। बिल क्लियर हो जाने के बाद कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ बहुत जरूरी होने पर उन्हें करना होगा।

4. इमर्जेंसी फंड

इमर्जेंसी फंड हमारे फाइनेंशियल प्लान को ट्रैक से नहीं उतरने देता है। इमर्जेंसी फंड नहीं होने पर अचानक आए खर्च को पूरा करने के लिए हमें अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल करने को मजबूर होना पड़ता है। कई लोग अचानक आए खर्च को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स की अपनी यूनिट्स बेच देते हैं। यह एक बड़ी गलती है। इससे आपका फाइनेंशियल प्लान पटरी से उतर जाता है। इससे आप लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार करने का मौका चूक जाते है।

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5. सेविंग्स और इनवेस्टमेंट

सैलरी के एक हिस्से का इस्तेमाल सेविंग्स और इनवेस्टमेंट के लिए करना जरूरी है। इनवेस्टमेंट जितना जल्द शुरू किया जाए, फायदा उतना ज्यादा होता है। दीक्षित को अपने फाइनेंशियल गोल को ध्यान में रख सेविंग्स और इनवेस्टमेंट पर फोकस करना होगा। शुरुआत वह कम अमाउंट के साथ कर सकते हैं। फिर जैसे-जैसे इनकम बढ़ेगी वह उसे बढ़ा सकते हैं। इससे फाइनेंशियल गोल को पूरा करने के लिए उनके पास अच्छा फंड तैयार हो जाएगा। आज म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में सिप से निवेश करना काफी आसान हो गया है। लंबी अवधि में इक्विटी फंड का रिटर्न काफी अट्रैकिटव होता है।

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