बीते कुछ महीनों में भारत में ऊर्जा क्षेत्र में एक नई क्रांति देखने को मिली है। केंद्र सरकार की लोकप्रिय योजना "PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana" (PM-SGMBY) ने लाखों भारतीय परिवारों को मुफ्त अथवा सस्ती बिजली की राह दिखाई है। जन समर्थ पोर्टल से मिले ताजे आंकड़े बताते हैं कि सितंबर 2025 के आखिर तक पब्लिक सेक्टर बैंकों ने 5.79 लाख से अधिक सोलर लोन आवेदन मंजूर किए हैं। इनकी वैल्यू 10,907 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है ।
जून से सितंबर: आवेदनों में कई गुना बढ़ोतरी
अगर जून 2024 के आंकड़ों पर नजर डालें तो तब केवल 3,070 लोन एप्लिकेशन स्वीकृत हुए थे, जिनके जरिए 58 करोड़ रुपये घरों तक पहुंचाए गए थे। मगर मार्च से सितंबर 2025 के बीच यह ग्राफ तेजी से ऊपर गया। मार्च 2025 में कुल 1,98,343 लोन एप्लिकेशन अप्रूव हुए, जिनमें 4,528 करोड़ रुपये की मदद मिली। और सितंबर 2025 में यह आंकड़ा डबल से भी ज्यादा हो गया, जब 5,79,586 लोन एप्लिकेशन मंजूर हुए और 10,907 करोड़ रुपये का लोन जारी किया गया । यह दर्शाता है कि योजना की लोकप्रियता हर महीने नए शिखर छू रही है।
योजना से क्या-क्या फायदे मिल रहे हैं?
PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके जरिए घरों की छतों पर सोलर पैनल इंस्टॉल करने के लिए आसानी से फाइनेंस उपलब्ध हो रहा है। लाभार्थियों को बिना जमानत के सस्ता ऋण दिया जा रहा है, जिसमें ब्याज भी कम है और दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया बेहद सरलीकृत की गई है । पब्लिक सेक्टर बैंकों ने इस स्कीम को समर्थ बनाने के लिए कई सुधार किए हैं, जैसे सह-आवेदकों को जोड़ना, क्षमता आधारित सीमाएं हटाना और एलिजिबिलिटी एक्सपैंड करना। इसके चलते अब ज्यादा लोग इस योजना का हिस्सा बनने के लिए आगे आ रहे हैं।
सरकारी मॉनिटरिंग और तेज कार्यान्वयन की वजह
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा वित्तीय सेवा विभाग दोनों मिलकर इस योजना के तहत दिए जाने वाले लोन और इसकी प्रगति की लगातार निगरानी करते हैं । राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियां एवं अग्रणी जिला प्रबंधक भी तेजी से एक्टिव होकर योजना का फायदा अंतिम लाभार्थी तक पहुंचाने में सहयोग कर रहे हैं। इससे न सिर्फ आवेदन प्रोसेस आसान हुआ है, बल्कि योजना की जागरूकता भी बढ़ी है।
आने वाले समय में क्या उम्मीद?
पिछले छह महीनों में जिस तरह से सोलर लोन के आंकड़े डबल हुए हैं, उससे साफ है कि आगामी समय में यह योजना ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में और ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। सरकार द्वारा योजना के क्रेडिट डिलीवरी प्रोसेस को लगातार सुधारने से लोग इसका लाभ जल्द और आसानी से उठा पाएंगे। इसके साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।