क्या आप PPF (Public Provident Fund) में निवेश करते हैं? अगर हां तो आपको हर महीने 5 तारीख को उससे पहले अपना पैसा डिपॉजिट कर देना चाहिए। यह छोटी सी बात आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। पीपीएफ में निवेश करने वाले कई लोगों को यह पता नहीं है। इससे वे महीने के आखिर में निवेश करते हैं। इससे इंटरेस्ट के रूप में लंबी अवधि में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है। चूंकि PPF लंबी अवधि का निवेश है, इसलिए इसमें इंटरेस्ट बहुत मायने रखता है। आइए जानते हैं आपको हर महीने 5 तारीख या इससे पहले निवेश करने पर क्या फायदा होगा।
क्या है इंटरेस्ट कैलकुलेशन का नियम?
पीपीएफ अकाउंट में हर महीने की 5 तारीख को जमा अमाउंट पर इंटरेस्ट का कैलकुलेशन होता है। इसलिए अगर आपने अपना कंट्रिब्यूशन 1 से लेकर 5 तारीख तक किया है तो उस पर आपको उस महीने इंटरेस्ट मिलेगा। अगर आपने 5 तारीख के बाद कैलकुलेशन किया है तो उस अमाउंट पर आपको उस महीने इंटरेस्ट नहीं मिलेगा। उस पर अगले महीने इंटरेस्ट मिलेगा। चूंकि, पीपीएफ में इंटरेस्ट का कैलुकलेशन हर महीने होता है, इसलिए हर महीने का कंट्रिब्यूशन बहुत मायने रखता है।
इसे एक उदाहरण की मदद से आसानी से समझा जा सकता है। सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि सरकार पीपीएफ का इंटरेस्ट रेट तय करती है। वह हर तिमाही इंटरेस्ट रेट की समीक्षा करती है। अभी पीपीएफ का इंटरेस्ट रेट 7.1 फीसदी है। मान लीजिए आप एक फाइनेंशियल ईयर में पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये इनवेस्ट करते हैं। अगर आप अपना पैसा 20 अप्रैल को डिपॉजिट करते हैं तो आपको पूरे फाइनेंशियल ईयर में 7.1 फीसदी इंटरेस्ट रेट का फायदा नहीं मिलेगा। इसकी वजह यह है कि अप्रैल के इंटरेस्ट का कैलकुलेशन 5 अप्रैल को आपके अकाउंट में जमा पैसे पर होगा। इसका मतलब है कि आपको अकाउंट में जमा 11 महीने के पैसे पर ही इंटरेस्ट मिलेगा। इसका मतलब है कि फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में आपका इंटरेस्ट 9,762.50 रुपये होगा। अगर आपने 1 से 5 अप्रैल के बीच पैसा जमा किया होता तो आपका इंटरेस्ट 10,650 रुपये होता।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चूंकि पीपीएफ 15 साल यानी लंबी अवधि का निवेश का ऑप्शन है तो इसमें इंटरेस्ट के रूप में छोटी रकम भी बहुत मायने रखती है। पीपीएफ में निवेश करने पर टैक्स बेनेफिट मिलता है। सबसे खास बात यह है कि पीपीएफ टैक्स के लिहाज से एग्जेम्प्ट-एग्जेम्प्ट-एग्जेमप्ट कैटेगरी में आता है। इसका मतलब है कि इसमें डिपॉजिट होने वाले अमाउंट पर टैक्स नहीं लगता है। अमाउंट पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स नहीं लगता है। अकाउंट मैच्योर करने पर मिलने वाला टोटल अमाउंट भी टैक्स-फ्री होता है। इसलिए यह टैक्स के मामले में बहुत फायदेमंद है।
क्यों आपको PPF में इनवेस्ट करना चाहिए?
अगर आपने अब तक पीपीएफ अकाउंट ओपन नहीं किया है तो आप इसे बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोल सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत आप एक फाइनेंशियल ईयर में पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये तक जमा कर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इससे आपको इनकम टैक्स बचाने में मदद मिलेगी। अच्छा होगा अगर आप अप्रैल से पीपीएफ में निवेश करना शुरू करते हैं। फिर हर महीने आपको 1 से 5 तारीख तक इसमें अपना कंट्रिब्यूशन जरूर कर देना होगा। इससे 15 साल की अवधि में आपके लिए बड़ा फंड तैयार हो जाएगा।