प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से बड़ा ऐलान किया। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने कहा कि जरूरी चीजों की कीमतें घटने जा रही हैं। सरकार जीएसटी में कमी करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस बार लोगों को दिवाली पर डबल खुशियां मिलने वाली हैं। उन्होंने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के दूसरे चरण के रिफॉर्म्स इस साल दिवाली से लागू हो जाएंगे।
रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें सस्ती होंगी
स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि जीएसटी रेट्स (GST Rates) को तर्कसंगत बनाने से रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों की कीमतें घटेंगी। इससे एमएसएमई को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा, "बीते 8 सालों में हमने देश पर टैक्स का बोझ घटाया है। हमने टैक्स सिस्टम को आसान बनाया है। इस बार दिवाली पर सरकार अगले चरण का जीएसटी रिफॉर्म्स लागू करने जा रही है।"
GoM की रिपोर्ट पर जीएसटी रेट्स में कमी
जीएसटी काउंसिल ने सितंबर 2021 में जीएसी रेट्स की समीक्षा के लिए मंत्रियों का एक समूह (GoM) बनाया था। इस समूह को जीएसटी के रेट्स में बदलाव के बारे में अपनी राय देने को कहा गया था। इस समूह की रिपोर्ट के आधार पर सरकार जीएसटी रेट्स में बदलाव करने जा रही है। काफी समय से जीएसटी रेट्स में बदलाव करने और स्लैब की संख्या घटाने की मांग हो रही है। माना जा रहा है कि जीएसटी के स्लैब की संख्या 4 से घटाकर 3 की जा सकती है।
1 जुलाई, 2027 को लागू हुआ था जीएसटी सिस्टम
जीएसटी की व्यवस्था 1 जुलाई, 2017 को लागू हुई थी। इसे लागू हुए 8 साल हो गए हैं। जीएसटी को टैक्स सिस्टम में सबसे बड़ा रिफॉर्म माना गया था। बीते 8 सालों में जीएसटी सिस्टम को बेहतर बनाने की लगातार कोशिशें होती रही है। जीएसटी से जुड़े बड़े फैसले जीएसटी काउंसिल लेती है। इसकी प्रमुख वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं। इसमें राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। समय-समय पर जीएसटी काउंसिल की बैठक होती है।
12 फीसदी रेट को खत्म किया जा सकता है
बताया जाता है कि सरकार रोजाना इस्तेमाल होने वाली कई चीजों पर जीएसटी घटाने जा रही है। इसके लिए राज्यों के मंत्रियों के समूह की बैठक बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की अगुवाई में अगले हफ्ते होने वाली है। इससे पहले जुलाई में प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जीएसटी सिस्टम में बड़े बदलाव के प्लान को एप्रूवल मिल गया था। सरकार 12 फीसदी के रेट को खत्म कर सकती है। अभी जीएसटी के 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के चार स्लैब हैं।
अमेरिकी टैरिफ के असर से निपटने की तैयारी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जीएसटी घटाने के सरकार के फैसले में अमेरिकी टैरिफ का भी हाथ हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। हालांकि, टैरिफ को लेकर इंडिया और अमेरिका की बातचीत जारी है। इस महीने के आखिर में बातचीत के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भारत आने वाला है। लेकिन, डील नहीं होने की स्थिति के लिए सरकार पहले से तैयार रहना चाहती है।
जीएसटी घटने से डोमेस्टिक कंजम्प्शन बढ़ेगा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ट्रंप का 50 फीसदी टैरिफ लागू होता है तो इसका भारत की जीडीपी पर आधा फीसदी का असर पड़ सकता है। सरकार घरेलू खपत बढ़ाकर जीडीपी में इस कमी को रोक सकती है। जीएसटी घटाने से घरेलू कंजम्प्शन बढ़ेगा।
कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा
जानकारों का कहना है कि जीएसटी में कमी से सबसे ज्यादा फायदा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को होगा। इससे खानेपीने सहित दूसरी जरूरी चीजों की कीमत घटेंगी। इससे परिवार के मासिक खर्च में कमी आएगी। सरकार 12 लाख तक की इनकम को टैक्स-फ्री करने का ऐलान पहले ही कर चुकी है। इससे मिडिल क्लास को काफी राहत मिली है। उनकी जेब में खर्च के लिए ज्यादा पैसे बच रहे हैं।