घर बैठे चेक करें आपकी प्रॉपर्टी के पेपर असली हैं या नकली? बस 5 मिनट में ऑनलाइन हो जाएगा वेरिफिकेशन

अब जमीन या घर की रजिस्ट्री असली है या नहीं, यह पता लगाने के लिए आपको सब-रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। देश के ज्यादातर राज्यों ने लैंड रिकॉर्ड्स को डिजिटलाइज कर दिया है

अपडेटेड Nov 07, 2025 पर 12:28 PM
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अब जमीन या घर की रजिस्ट्री असली है या नहीं, यह पता लगाने के लिए आपको सब-रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

अब जमीन या घर की रजिस्ट्री असली है या नहीं, यह पता लगाने के लिए आपको सब-रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। देश के ज्यादातर राज्यों ने लैंड रिकॉर्ड्स को डिजिटलाइज कर दिया है। यानी अब आप ऑनलाइन कुछ मिनटों में अपनी प्रॉपर्टी की असली जांच घर बैठे कर सकते हैं। हर राज्य सरकार का अपना एक ऑनलाइन पोर्टल है, जहां से रजिस्ट्री की जानकारी चेक की जा सकती है। जैसे उत्तर प्रदेश के लोग igrsup.gov.in वेबसाइट पर जाकर अपनी रजिस्ट्री की जांच कर सकते हैं।

ऐसे करें ऑनलाइन चेक

राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।


Registry Search या Property Details वाले सेक्शन पर क्लिक करें।

अपनी रजिस्ट्री से जुड़ी बुनियादी जानकारी भरें। जैसे रजिस्ट्री नंबर, मालिक का नाम, प्लॉट नंबर, जिला, और रजिस्ट्रेशन की तारीख।

जानकारी सबमिट करते ही कुछ सेकंड में संपत्ति का पूरा रिकॉर्ड स्क्रीन पर आ जाएगा।

इस रिकॉर्ड में मालिक का नाम, रजिस्ट्री की तारीख, स्टांप ड्यूटी, और रजिस्ट्रार ऑफिस की जानकारी होती है। इन डिटेल्स को अपनी असली रजिस्ट्री पेपर से मिलाकर देखें। अगर दोनों जानकारी एक जैसी हैं, तो आपकी रजिस्ट्री असली मानी जाएगी। आप चाहें तो इस रिकॉर्ड को डाउनलोड या प्रिंट भी कर सकते हैं, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसे दिखाया जा सके।

अगर Record Not Found दिखे तो क्या करें

अगर वेबसाइट पर Record Not Found या Invalid Entry का मैसेज आता है, तो आपकी रजिस्ट्री या तो अधूरी है या फर्जी हो सकती है। ऐसे में आपको अपने इलाके के सब-रजिस्टार ऑफिस जाकर रजिस्ट्री बुक में एंट्री की जांच करवानी चाहिए। ऑफलाइन वेरिफिकेशन के लिए 50 से 200 रुपये तक की फीस लगती है।

अगर आप प्रॉपर्टी का पूरा इतिहास जानना चाहते हैं, तो Encumbrance Certificate (EC) निकलवाएं। इसमें उस जमीन या मकान से जुड़ी सभी ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड होता है। इससे यह भी पता चलता है कि कहीं प्रॉपर्टी पर कर्ज, विवाद या कानूनी दावा तो नहीं है। इसके अलावा दाखिल-खारिज (mutation record) देखकर यह तय करें कि मालिकाना हक सही नाम में ट्रांसफर हुआ है या नहीं।

क्यों जरूरी है ऑनलाइन वेरिफिकेशन

ऑनलाइन रजिस्ट्री चेक करने से न सिर्फ फर्जीवाड़ा और विवादों से बचाव होता है, बल्कि यह बैंक लोन या प्रॉपर्टी बेचने के समय वैलिड सबूत के रूप में भी काम आता है। अधिकारियों का कहना है कि पूरा प्रोसेस सिर्फ 5 मिनट में पूरा हो जाता है और इसे आप मोबाइल या लैपटॉप से आसानी से कर सकते हैं।

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