अदाणी ग्रुप की बड़ी सौगात. धारावीवासियों को देगा रिकॉर्ड लंबा-चौड़ा फ्लैट

Dharavi Redevelopment Project: देश के सबसे बड़े स्लम धारावी (Dharavi) को एक बार फिर संवारने की कोशिश हो रही है। इस बार इसकी कमान अदाणी ग्रुप के हाथों में है। इसे लेकर अदाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम का ज्वाइंट वेंचर बनाया है। इस ज्वाइंट वेंचर ने अब मिनिमम कारपेट एरिया का जो ऐलान किया है, वह मुंबई में अब तक के सभी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में सबसे अधिक है

अपडेटेड Jan 16, 2024 पर 10:25 AM
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नया फ्लैट धारावी के लोगों के लिए ड्रीम होम होगा और यह उनके लिविंग कंडीशन को बेहतर करेगा। हर फ्लैट में रसोई अलग से होगी और एक शौचालय भी होगा। वेंटिलेशन का भी ध्यान रखा जाएगा।

Dharavi Redevelopment Project: धारावी में रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत जिन्हें फ्लैट मिलने वाले हैं, वह कम से 350 स्क्वॉयर फीट का होगा। इसका ऐलान धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड ने किया है। यह मुंबई में अब तक के सभी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में सबसे अधिक है और करीब 17 फीसदी अधिक है। इस फ्लैट में अलग से एक रसोई और एक शौचालय होगा। ये फ्लैट उन 'एलिजिबल होमबायर्स' को मिलेंगे, जो यहां 1 जनवरी 2000 से पहले से यहां रहते हैं। देश के सबसे बड़े स्लम धारावी (Dharavi) को एक बार फिर संवारने की कोशिश हो रही है। इस बार इसकी कमान अदाणी ग्रुप के हाथों में है। इसे लेकर अदाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम का ज्वाइंट वेंचर बनाया है।

इनएलिबिजल होमबायर्स को क्या मिलेगा?

ज्वाइंट वेंचर के प्रवक्ता ने कहा कि नया फ्लैट धारावी के लोगों के लिए ड्रीम होम होगा और यह उनके लिविंग कंडीशन को बेहतर करेगा। हर फ्लैट में रसोई अलग से होगी और एक शौचालय भी होगा। वेंटिलेशन का भी ध्यान रखा जाएगा। अब इनएलिजिबल होमबायर्स की बात करें तो उन्हें महाराष्ट्र सरकार के तय नियमों के मुताबिक प्रस्तावित अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग पॉलिसी के तहत आवास दिया जाएगा। इसके लिए धारावी के समान ही कुछ नवी धारावी में डेवलपमेंट किया जाएगा।

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ऐसे समझें कितना बड़ा मिलेगा फ्लैट

धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत एलिबिजल होमबायर्स को कम से कम 350 स्क्वॉयर फीट कारपेट एरिया का फ्लैट मिलेगा। यह कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि पहले महाराष्ट्र में अनौपचारिक बस्तियों के निवासियों को 269 स्क्वॉयर फीट के घर दिए जाते थे। 2018 से राज्य सरकार ने उन्हें 315-322 स्क्वॉयर फीट के घर देना शुरू किया था। यह कारपेट एरिया शहरी गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तय किए गए न्यूनतम एरिया के तहत है।

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First Published: Jan 15, 2024 7:23 PM

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