Microsoft India R&D: टेक दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (R&D) ने हैदराबाद के शहर के गाचीबौली स्थित Phoenix Centaurus में 2.64 लाख वर्ग फुट जगह किराए पर ली है। यह लीज सौदा इस साल का सबसे बड़ा समझौता माना जा रहा है। यह अनुबंध टेबल स्पेस टेक्नोलॉजीज के साथ 5 साल के लिए साइन किया गया है, जिसके तहत कंपनी हर महीने लगभग 5.4 करोड़ रुपये किराया देगी। इस नई जगह पर माइक्रोसॉफ्ट अपनी टीमों और कामकाज का विस्तार करेगी। बता दें कि यह सब-लीज 1 जुलाई 2025 से शुरू हुई है।
कितना होगा माइक्रोसॉफ्ट का किराया?
लीज दस्तावेज के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट को इस स्पेस के लिए 67 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से लगभग 1.77 करोड़ रुपये मासिक आधार किराया देना होगा। इसके साथ ही इसमें 16.28 रुपये कॉमन एरिया मेंटेनेंस (CAM) चार्जेज, ऑपरेटिंग खर्चे, कैपिटल खर्चे और मैनेजमेंट फीस जोड़ने के बाद कुल मासिक खर्च लगभग 5.4 करोड़ रुपये होगा। एग्रीमेंट में 60 महीने की अवधि तय है और इसमें 4.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि शामिल है। इसके अलावा, कंपनी ने 42.15 करोड़ रुपये की सुरक्षा राशि भी जमा की है।
वहीं, इस डील को फाइनल करने के लिए टेक कंपनी ने 92.94 लाख रुपये का स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज भी अदा किया है। यह खर्चा पूरे ट्रांजैक्शन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो लीगल और ऑफिशियल डॉक्यूमेंटेशन को वैध बनाने के लिए अनिवार्य होता है।
भारत में माइक्रोसॉफ्ट का बढ़ता दायरा
माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम हैदराबाद में उसके तेजी से बढ़ते विस्तार की ओर संकेत करता है। कंपनी ने यहां 1998 में भारत विकास केंद्र की नींव रखी थी, जो आज अमेरिका के बाहर माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा अनुसंधान और विकास हब बन चुका है। गाचीबोवली स्थित मौजूदा कैंपस पहले से ही इंजीनियरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। नए दफ्तर की शुरुआत के साथ और भी टीमों के इसमें शामिल होने की संभावना है।
रियल एस्टेट के विशेषज्ञों ने क्या कहा?
वहीं, रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि हैदराबाद IT सेक्टर के लिए हब है। यह शहब बड़ी तकनीकी कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह बन चुका है। यहां टैलेंटेड लोगों की अच्छी खासी मौजूदगी है, साथ ही आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और कम लागत का फायदा भी मिलता है।
विशेषज्ञों ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट का यह सौदा दिखाता है कि वैश्विक कंपनियां न केवल शहर में अपनी मौजूदगी मजबूत कर रही हैं, बल्कि विस्तार भी कर रही हैं। खासतौर पर, जब से प्रीमियम ग्रेड-A दफ्तरों की मांग लगातार बढ़ रही है।