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RBI Policy: आरबीआई ने नहीं दिया फेस्टिवल गिफ्ट, होम लोन या कार लोन लेने जा रहे तो ये बातें जान लें

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 29 सितंबर को शुरू हुई थी। तीन दिवसीय इस बैठक के नतीजों का ऐलान आरबीआई गवर्नर ने 1 अक्टूबर को किया। उम्मीद थी कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी करेगा

अपडेटेड Oct 01, 2025 पर 2:33 PM
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अगस्त में आरबीआई ने रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया था।

आरबीआई से त्योहारी सीजन में बड़े गिफ्ट का इंतजार कर रहे लोगों को झटका लगा है। केंद्रीय बैंक ने 1 अक्टूबर को रेपो रेट में कमी नहीं की। इससे फिलहाल होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सस्ते नहीं होंगे। हालांकि जीएसटी के रेट्स घटने से कार की कीमतें कम हुई हैं। फ्लैट्स की कीमतों में भी कमी आने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 1 अक्टूबर को सुबह 10 बजे मॉनेटरी पॉलिसी का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है।

इस साल आरबीआई रेपो रेट 1 फीसदी घटा चुका है

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 29 सितंबर को शुरू हुई थी। तीन दिवसीय इस बैठक के नतीजों का ऐलान आरबीआई गवर्नर ने 1 अक्टूबर को किया। यह लगातार दूसरी बार है जब आरबीआई ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट में बदलाव नहीं किया है। अगस्त में भी आरबीआई ने रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया था। हालांकि, इस साल आरबीआई रेपो रेट में एक फीसदी यानी 100 बेसिस प्वाइंट्स की कमी कर चुका है।


रेट कट को लेकर इकोनॉमिस्ट्स की राय बंटी हुई थी

आरबीआई ने इस साल फरवरी की मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट में कमी का सिलसिला शुरू किया था। उसने फरवरी में 25 बेसिस प्वाइंट्स, अप्रैल में 25 बेसिस प्वाइंट्स और जून में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की थी। इससे रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटकर 5.5 फीसदी पर आ गया। इस बार रेपो रेट में कमी को लेकर इकोनॉमिस्ट्स की राय बंटी हुई थी। कुछ इकोनॉमिस्ट्स का मानना था कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट्स घटा सकता है, जबकि कुछ का मानना था कि वह रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगा।

रेपो रेट घटने से होम लोन के ग्राहकों को होता है फायदा

रेपो रेट नहीं घटने से होम लोन लेने का प्लान बना रहे लोगों के साथ ही उन लोगों को भी निराशा हुई है, जो कार लोन लेने के बारे में सोच रहे थे। आम तौर पर रेपो रेट में कमी के बाद बैंक होम लोन और कार लोन के रेट घटाते हैं। होम लोन का इंटरेस्ट रेट घटने पर इंटरेस्ट पर होने वाले होम लोन के ग्राहकों का खर्च काफी कम हो जाता है। होम लोन के इंटरेस्ट रेट में कमी पर पहले होम लोन ले चुके ग्राहकों के लिए दो विकल्प होते हैं। वे बैंक से अपनी EMI में कमी करने के लिए कह सकते हैं। दूसरे विकल्प में वे बैंक को लोन का रिपेमेंट पीरियड घटाने को कह सकते हैं।

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आपको क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब दिसंबर में आरबीआई के रेपो रेट घटाने की उम्मीद बढ़ गई है। होम और कार लोन के ग्राहक दिसंबर तक का इंतजार कर सकते हैं। अगर आपने होम लोन लेने का मन बना लिया है तो आप अभी ले सकते हैं। 1 फीसदी इंटरेस्ट रेट घटने के बाद होम लोन के इंटरेस्ट रेट्स अट्रैक्टिव लेवल पर आ गए है। दिसंबर और फरवरी में अगर आरबीआई रेपो रेट में कमी करता है तो आप अपने बैंक से इंटरेस्ट रेट में कमी करने को कह सकते हैं। अगर बैंक इंटरेस्ट रेट में कमी नहीं करता है तो आप दूसरे बैंक में अपना लोन ट्रांसफर करा सकते हैं। अगर आप अभी होम लोन लेने जा रहे हैं तो आपको फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन का विकल्प सेलेक्ट करना चाहिए।

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