Remittance tax : पिछले साल भारत में FDI से ज्यादा रेमिटेंस की रकम आई है। अमेरिका से भारत में पैसा भेजने वालों पर अमेरिका ने 5 फीसदी टैक्स लगाने की बात कही थी। लेकिन अब US सीनेट ने सिर्फ 1 फीसदी टैक्स लगाने का ही फैसला किया है। इसका देश में रेमिटेंस के जरिए आने वाली रकम का बड़ा असर होगा। जगदीश व्यास और इनकी पत्नी को इनकी दोनों बेटियां अमेरिका से पैसा भेजती हैं। दोनों पढ़ाई करके वहीं सेटल हो गई हैं। रेमिटेंस पर 5 फीसदी टैक्स लगने की खबर से ये चिंता में आ गए थे। लेकिन अब टैक्स कम हो जाने से ये राहत की सांस ले रहे हैं।
ये खबर उन लाखों भारतीयों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं, जो मेहनत की कमाई अपने परिवार, कर्ज चुकाने या भारत में निवेश के लिए भेजते हैं। ऐसे ही एक लाभार्थी जगदीश व्यास ने सीएनबीसी-आवाज़ से कहा कि "मेरी दोनों बेटियों द्वारा मिल रहे पैसे से हम आराम की जिंदगी जी रहे है। US सीनेट ने सिर्फ 1 फीसदी टैक्स लगाने का ही फैसला किया है। इसका देश में रेमिटेंस के जरिए आने वाली रकम का अच्छा असर होगा"।
वर्ल्ड बैंक और RBI के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024-25 में भारत में विदेश से कुल ₹11.60 लाख करोड़ रुपए का रेमिटेंस आया। पिछले 8 साल में विदेश से आने वाली रेमिटेंस की रकम डबल हो चुकी है। इसमें अमेरिका से आने वाले रेमिटेंस का हिस्सा करीब 25 फीसदी है। अमेरिका में बसे लाखों भारतीय सिर्फ अपने परिवार को ही नहीं बल्कि भारत के गांव में मंदिरों और दूसरे सामाजिक काम में हजारों करोड़ों रुपए भेजते हैं। FOGA के वीपी मनीष शर्मा का कहना है कि भारत के गांव के विकास में अमेरिका से बड़ी रकम हर साल भारत आती है।
डिजिटल ट्रांसफर पर नहीं लगेगा कोई टैक्स
अच्छी बात ये है कि अमेरिका से अगर किसी कार्ड के जरिए पेमेंट की जाए तो इसपर कोई टैक्स नहीं लगेगा। ज्यादातर भारतीय बैंक अकाउंट, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से पैसे भेजते हैं। नए नियम के मुताबिक, इन तरीकों से भेजे गए पैसे पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके मतलब यह है कि डिजिटल रास्ते से भारत में पैसे भेजने से टैक्स की चिंता खत्म हो जाएगी।