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Business Idea: बेगुसराय के पवन गुप्ता ने 25 लाख रुपये की सरकारी मदद से शुरू किया बिस्किट कारोबार, बिहार में बनाई जगह

भारत में कई कारोबारियों ने मामूली शुरुआत से अपनी बिजनेस की जर्नी को शुरू किया है। वह छोटी शुरुआत से बड़े कारोबारियों की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। ऐसी ही एक कंपनी जो विशेष रूप से बिहार में बेहद लोकप्रिय और सफल हो गई है, वह है रुद्र बिस्कुट। बिस्किट कंपनी बिहार राज्य में ब्रिटानिया जितनी फेमस है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 03, 2024 पर 7:15 PM
Business Idea: बेगुसराय के पवन गुप्ता ने 25 लाख रुपये की सरकारी मदद से शुरू किया बिस्किट कारोबार, बिहार में बनाई जगह
Business Idea: भारत में कई कारोबारियों ने मामूली शुरुआत से अपनी बिजनेस की जर्नी को शुरू किया है।

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Business Idea: भारत में कई कारोबारियों ने मामूली शुरुआत से अपनी बिजनेस की जर्नी को शुरू किया है। वह छोटी शुरुआत से बड़े कारोबारियों की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। ऐसी ही एक कंपनी जो विशेष रूप से बिहार में बेहद लोकप्रिय और सफल हो गई है, वह है रुद्र बिस्कुट। बिस्किट कंपनी बिहार राज्य में ब्रिटानिया जितनी फेमस है। बिहार के बेगुसराय जिले के लगभग हर घर में चाहे बच्चे हों, युवा हों या वयस्क, हर कोई रुद्र बिस्कुट का आनंद लेता है। लेकिन कंपनी का सफर काफी शानदार रहा है।

रूद्र बिस्कुट की शुरुआत पवन कुमार गुप्ता ने की थी। बीमार पड़ने के बाद उन्होंने कारोबार को शुरू करने का फैसला किया लेकिन उन्हें अपने ऑफिस से छुट्टी लेने की अनुमति नहीं मिली। गुप्ता लालबाबू प्रहाद के पुत्र हैं, जो बेगुसराय से 25 किलोमीटर दूर बखरी नगर परिषद क्षेत्र के दरहा गांव के निवासी हैं। उन्होंने पिछले 18 सालों से दिल्ली में इंटीरियर डिजाइनर के रूप में काम किया है। उनका वेतन अच्छा था, लेकिन अपने ऑफिस के दौरान उन्हें पर्याप्त छुट्टियां नहीं मिलीं। उन्होंने खुलासा किया कि वह 2023 में बेहद बीमार हो गए थे, लेकिन MNC ने उन्हें छुट्टी देने से इनकार कर दिया था। पता चला कि इनकार के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर अपने गांव वापस जाने का फैसला किया।

उन्होंने बताया कि नौकरी के दौरान उनके ऑफिस के पास एक बिस्कुट कंपनी थी और उन्होंने देखा था कि फैक्ट्री में बिस्कुट कैसे बनते हैं। इससे उन्हें बिस्कुट बनाने की फैक्ट्री शुरू करने का विचार आया। उन्हें लगा कि यह व्यवसाय आय का एक अच्छा सोर्स बन सकता है। उन्होंने इसे अपने गांव में शुरू करने का फैसला किया। उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के चलाए जा रहे पीएमएफएमई योजना से 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी मिली।

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