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अब बिल्डर नहीं टाल पाएंगे मुआवजा, महारेरा का नया SOP लागू

Maharashtra: महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) ने घर खरीदारों को अदालत द्वारा आदेशित मुआवजा बिना किसी देरी के मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रक्रिया (SOP) शुरू की है। यह पहली बार है जब पैसा न देने वाले बिल्डरों के खिलाफ सिविल कोर्ट में कार्रवाई हो सकती है।

Translated By: Ashwani Kumar Srivastavaअपडेटेड Nov 27, 2025 पर 8:24 AM
अब बिल्डर नहीं टाल पाएंगे मुआवजा, महारेरा का नया SOP लागू
अब बिल्डर नहीं टाल पाएंगे मुआवजा, महारेरा का नया SOP लागू

Maharashtra: महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) ने घर खरीदारों को अदालत द्वारा आदेशित मुआवजा बिना किसी देरी के मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रक्रिया (SOP) शुरू की है। यह पहली बार है जब पैसा न देने वाले बिल्डरों के खिलाफ सिविल कोर्ट में कार्रवाई हो सकती है और यहां तक कि तीन महीने तक की जेल भी हो सकती है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद, इस SOP का उद्देश्य अक्सर महीनों तक चलने वाली वसूली प्रक्रिया को आसान और तेज बनाना है। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार, महारेरा द्वारा इस संबंध में SOP की व्याख्या करने वाला एक सर्कुलर जारी किया गया है।

SOP महारेरा को अधिकार देता है कि यदि कोई बिल्डर बार-बार दिए गए अवसरों के बावजूद मुआवजे के आदेशों की अनदेखी करता है, तो वह मामले को सिविल कोर्ट में ले जा सकता है। इस बदलाव का उद्देश्य उन घर खरीदारों के लिए राहत लाना है जो रुकी हुई परियोजनाओं, अधूरी सुविधाओं या घटिया निर्माण से जूझ रहे थे। प्राधिकरण ने सर्कुलर में कहा, "इस प्रावधान से मुआवजा वसूलने और घर खरीदारों को समय पर राहत प्रदान करने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है।"

महारेरा अधिकारियों ने क्या कहा?

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