Sarkari Yojana: सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के लिए आवंटन बढ़ाकर ₹69,515 करोड़ कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए गए। फसल बीमा योजना और डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी से जुड़े बड़े ऐलान किए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2021-2026 के दौरान 69,515 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। यह योजना 2025-26 तक जारी रहेगी और किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से उनकी फसलों की सुरक्षा के लिए कवरेज मिलता रहेगा। यह फैसला 1 जनवरी 2025 को हुई कैबिनेट की पहली बैठक में लिया गया।
इसके अलावा डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक की कीमतें भी स्थिर रखी गई हैं। 50 किलोग्राम के बैग की कीमत 1,350 रुपये ही रहेगी, जबकि इसकी वास्तविक लागत लगभग 3,000 रुपये है। अतिरिक्त खर्च सरकार वहन करेगी। किसानों के लिए यह राहत देने के लिए सरकार ने 3,850 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मंजूर किया है।
फसल बीमा योजना में तकनीक का ज्यादा उपयोग किया जाएगा। यस-टेक और विंड्स जैसी तकनीकी पहलों के जरिए फसलों का आकलन और दावा निपटान अब तेजी से होगा। इसके लिए 824.77 करोड़ रुपये का एक कोष (FIAT) बनाया गया है, जिससे तकनीकी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। यह कदम फसल बीमा योजना को और पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा।
डीएपी की वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि भारतीय किसानों पर इसका कोई असर न पड़े। रेड सी जैसे समुद्री मार्गों में असुरक्षा और वैश्विक बाजार की अस्थिरता के बावजूद सरकार ने किसानों के हित को प्राथमिकता दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी सुनिश्चित किया कि कोविड महामारी और भू-राजनीतिक संकटों के दौरान भी किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। 2014 से अब तक सरकार ने उर्वरक सब्सिडी को दोगुना कर 1.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है। सरकार के इन फैसलों से किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी और वे फसल उत्पादन के लिए प्रेरित होंगे। यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।