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Sarkari Yojana: क्या है स्वामित्व योजना? गांवों के लोगों को होगा फायदा, मनमोहन सिंह के सम्मान में PM मोदी ने स्वामित्व योजना का कार्यक्रम किया कैंसिल

Sarkari Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर स्वामित्व योजना के तहत 50 लाख से अधिक लोगों को संपत्ति कार्ड देने वाले थे। यह एक बड़ा नेशनल कार्यक्रम होने वाला था जिसमें करोड़ों लोग भाग लेते लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन के सम्मान में यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है

अपडेटेड Dec 27, 2024 पर 12:37 PM
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Sarkari Yojana: स्वामित्व योजना (Swamitva Yojana) का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में संपत्ति के स्वामित्व तय करना है।

Sarkari Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर स्वामित्व योजना के तहत 50 लाख से अधिक लोगों को संपत्ति कार्ड देने वाले थे। यह एक बड़ा नेशनल कार्यक्रम होने वाला था जिसमें करोड़ों लोग भाग लेते लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन के सम्मान में यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। स्वामित्व योजना (Swamitva Yojana) का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में संपत्ति के स्वामित्व तय करना है।

स्वामित्व योजना क्या है?

केंद्र सरकार की पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) ने स्वामित्व योजना के तहत अब ग्रामीण इलाकों की 1.37 लाख करोड़ रुपये की संपत्तियों को मॉनेटाइज करके क्रेडिट एक्सेस के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में शुरू की गई स्वामित्व योजना (Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Village Areas) का उद्देश्य ड्रोन तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण इलाकों की संपत्तियों का सर्वे और सीमांकन (Mapping) करना है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों के निवासियों को उनकी संपत्तियों के कानूनी डॉक्यूमेंट दिए जाते हैं, जिससे उन्हें बैंकों से कर्ज लेने में मदद मिलती है। अब तक 3,17,000 गांवों में सर्वे पूरा हो चुका है और 1,36,000 गांवों के निवासियों को संपत्ति कार्ड जारी किए गए हैं। 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी 50 लाख संपत्ति कार्ड और दिये जाने थे। जो कार्यक्रम अब रद्द कर दिया गया है।


योजना के फायदे और चुनौतियां

स्वामित्व योजना न केवल ग्रामीण निवासियों को फाइनेंशियली जोड़ने में मदद मिली है। बल्कि इससे महिलाओं को ज्वाइंट संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार भी मिला है। साथ ही जमीन पर बैंक लोन आसानी से मिलता है। इसके अलावा ग्राम पंचायतों को अतिक्रमण हटाने और संपत्ति विवादों को सुलझाने में मदद मिल रही है। हालांकि, आदिवासी इलाकों में सामूहिक भूमि स्वामित्व और पारिवारिक विवादों जैसे मुद्दे योजना पर काम करने में दिक्कत कर रहे हैं। बिहार, तमिलनाडु और ओडिशा जैसे राज्यों ने अपने भूमि रिकॉर्ड पहले ही अपडेट कर लिए हैं, इसलिए उन्होंने योजना से बाहर रहने का फैसला किया है।

ग्रामीण विकास की दिशा में कदम

यह योजना ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर समृद्धि की नींव रख रही है। सरकार ने 2026 तक योजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस पहल से लाखों ग्रामीणों को सशक्त बनाकर भारत के ग्रामीण इलाकों में सतत विकास के रास्ते की तरफ बढ़ने में मदद करेगा।

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