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सोशल मीडिया पर SEBI की सीधी नजर, फिनफ्लुएंसर्स की मनमानी पर अब लगेगी लगाम?

सरकार ने SEBI को नया अधिकार दिया है कि वह शेयर बाजार से जुड़ी भ्रामक या गलत जानकारी वाले सोशल मीडिया पोस्ट, वीडियो और मैसेज को सीधे प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दे सके। इस कदम से फिनफ्लुएंसर्स की मनमानी और झूठे “स्टॉक टिप्स–गारंटीड रिटर्न” जैसे कंटेंट पर लगाम लगेगी और आम निवेशकों, खासकर युवाओं के लिए ऑनलाइन मार्केट थोड़ा ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।

Shradha Tulsyanअपडेटेड Dec 10, 2025 पर 8:15 PM
सोशल मीडिया पर SEBI की सीधी नजर, फिनफ्लुएंसर्स की मनमानी पर अब लगेगी लगाम?

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए सोशल मीडिया अब बड़ी जानकारी का जरिया बन चुका है, लेकिन इसी के साथ गलत और भ्रामक सलाह का खतरा भी तेजी से बढ़ा है। इसे रोकने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए बाजार नियामक SEBI को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से फर्जी या भ्रामक शेयर मार्केट कंटेंट सीधे हटवाने की ताकत दे दी है। वित्त मंत्रालय की 8 दिसंबर की अधिसूचना के बाद SEBI को सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत अधिकृत प्राधिकरण बना दिया गया है।

क्या बदला, SEBI को क्या नई ताकत मिली?

अब SEBI किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर बाजार से जुड़ी गलत, भ्रामक या निवेशकों को गुमराह करने वाली पोस्ट, वीडियो, रील या मैसेज को तुरंत हटाने का निर्देश सीधे दे सकेगा। पहले ऐसे मामलों में कई स्तरों से होकर लंबी प्रक्रिया चलती थी, जिससे कार्रवाई में देरी होती थी। नई व्यवस्था में अगर किसी कंटेंट के जरिए स्टॉक की अवास्तविक तारीफ, झूठे रिटर्न के वादे या पंप‑एंड‑डंप जैसी चालबाजियां दिखीं, तो SEBI तुरंत कार्रवाई की सिफारिश कर सकेगा और प्लेटफॉर्म्स के लिए इसे मानना आसान नहीं, बल्कि अनिवार्य जैसा होगा।

फिनफ्लुएंसर्स पर सख्ती क्यों?

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