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चांदी में बंपर तेजी से सिल्वर ETF पर टूटे निवेशक, प्रीमियम पर हो रही ट्रेडिंग; क्या अभी इनवेस्ट करना है सही?

बढ़ती मांग के चलते कोटक म्यूचुअल फंड ने 9 अक्टूबर को अपने कोटक सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड में एकमुश्त निवेश को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया। तेज उछाल के दौरान जब फिजिकल सप्लाई कम हो जाती है और मार्केट मेकर्स को चांदी जुटाने में मुश्किल होती है, तो ETF प्रीमियम पर ट्रेड करने लगते हैं

अपडेटेड Oct 10, 2025 पर 12:07 PM
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यह FOMO यानि कि फियर ऑफ मिसिंग आउट खरीदारी का एक अच्छा उदाहरण है।

चांदी की कीमतों में तेजी जारी है। भारी मांग के चलते वैश्विक बाजारों में इसने 9 अक्टूबर को पहली बार 50 डॉलर का आंकड़ा पार किया। वहीं देश के अंदर कीमतें 1.63 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं। डिमांड में भारी बढ़ोतरी के कारण जो लोग अब तक चांदी से दूर रह रहे थे, वे अब चांदी के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश कर रहे हैं। इसकी वजह है कि सिल्वर ETF फिलहाल हाई प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं।

सिल्वर ETF एक ऐसा फंड है, जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड करता है और चांदी की फिजिकल फॉर्म या चांदी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है। ETF की यूनिट्स को स्टॉक की तरह खरीदा और बेचा जाता है, और इनकी वैल्यू चांदी की कीमत के आधार पर घटती-बढ़ती रहती है।

SAMCO Securities में मार्केट पर्सपेक्टिव्स एंड रिसर्च हेड अपूर्व शेठ का कहना है, "NSE पर SBI सिल्वर, HDFC सिल्वर और एक्सिस सिल्वर जैसे प्रमुख ETF 9-13 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। ये अपने नेट एसेट वैल्यू (NAV) से काफी ऊपर ट्रेड कर रहे हैं। एक ओर जहां ETF में तेजी देखी जा रही है, वहीं MCX पर चांदी का दिसंबर वायदा भाव 0.6 प्रतिशत गिर गया है। यह इस बात को दर्शाता है कि बुनियादी बातों से नहीं, बल्कि भावनाओं से प्रेरित खुदरा उत्साह इस दौड़ को बढ़ावा दे रहा है।"


शॉर्ट टर्म हो सकती है यह तेजी, लेकिन निवेशकों को नहीं पड़ रहा फर्क

यह FOMO यानि कि फियर ऑफ मिसिंग आउट खरीदारी का एक अच्छा उदाहरण है। शेठ के मुताबिक, निवेशक मौका गंवाना नहीं चाहते हैं, इसलिए वे सिल्वर ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। जबकि हाजिर बाजार संकेत दे रहा है कि तेजी शॉर्ट टर्म की है। लेकिन निवेशक इस बात को दरकिनार करते हुए मौका भुनाने की की जुगत में हैं।

तेज उछाल के दौरान जब फिजिकल सप्लाई कम हो जाती है और मार्केट मेकर्स को चांदी जुटाने में मुश्किल होती है, तो ईटीएफ प्रीमियम पर ट्रेड करने लगते हैं। यह डिमांड-सप्लाई में अस्थायी असंतुलन दर्शाता है। लॉन्ग टर्म के लिए ईटीएफ प्रीमियम पर ट्रेड करें, ऐसा जरूरी नहीं है।

बढ़ती मांग के चलते कोटक म्यूचुअल फंड ने 9 अक्टूबर को अपने कोटक सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड में एकमुश्त निवेश को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया। कोटक एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने इसे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एक विवेकपूर्ण कदम बताया। हालांकि, SIP और रिडेंप्शन बिना किसी रुकावट जारी हैं। कोटक एमएफ ने कहा है कि प्रीमियम स्थिर होने के बाद नए सब्सक्रिप्शन के लिए यह फिर से खुल जाएगा।

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ETF में निवेश का यह बेस्ट टाइम नहीं

शेठ ने निवेशकों को धैर्य रखने की सलाह दी है। उनके मुताबिक, "प्रीमियम पर कारोबार कर रहे ईटीएफ में निवेश करने का यह बेस्ट टाइम नहीं है। कीमतों के कम होने या NAV के बाजार के साथ तालमेल बिठाने का इंतजार करें। चांदी की लॉन्ग टर्म पोजिशन मजबूत बनी हुई है।" कोटक म्यूचुअल फंड ने चांदी पर अपने लॉन्ग टर्म बुलिश आउटलुक की पुष्टि की है।

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