स्टॉक मार्केट्स में जारी गिरावट ने निवेशकों को बड़ा जख्म दिया है। कई इनवेस्टर्स के निवेश की वैल्यू 30-40 फीसदी तक गिर गई है। उन्हें मार्केट में गिरावट बढ़ने का डर सता रहा है। इसलिए पैसा होने के बावजूद शेयरों में लगाने को तैयार नहीं हैं। पैसा बैंक के सेविंग्स अकाउंट में रखने में भी उन्हें फायदे की जगह नुकसान नजर आता है। बैंक के सेविंग्स अकाउंट में इंटरेस्ट 3-4 फीसदी के बीच है। इनफ्लेशन इससे ज्यादा है। इसका मतलब है कि बैंक में रखे उनके पैसे की वैल्यू बढ़ने की जगह घटेगी। ऐसे में उनके पास सोने में विकल्प का निवेश है। सोने में निवेश को एक तरह से रिस्क-फ्री माना जाता है। दरअसल यह निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प है।
गोल्ड ने निवेशकों को किया है खुश
Gold में निवेश पर कितना रिटर्न मिल सकता है? इस सवाल का एक जवाब देना मुश्किल है। लेकिन, पिछले सालों के रिटर्न को देखा जाए तो ऐसा लगता है कि गोल्ड ने निवेशकों को निराश नहीं किया है। 2024 में गोल्ड का रिटर्न शानदार रहा। यह सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले एसेट्स में शामिल रहा। इसने निवेशकों को 28 फीसदी रिटर्न दिया। 2023 में इसने 15 फीसदी रिटर्न दिया था। पिछले 5 सालों में सोने के सालाना औसत रिटर्न की बात की जाए तो यह 13.5 फीसदी रहा है। इसका मतलब है कि गोल्ड ने निवेशकों को निराश नहीं किया है।
गोल्ड में निवेश के विकल्प
गोल्ड में आज निवेश करना पहले के मुकाबले काफी आसान है। निवेश के नए प्रोडक्ट्स के बाजार में आने से आज निवेश के सामने कई विकल्प हैं। टेक्नोलॉजी ने निवेश को और भी आसान कर दिया है। अगर आप डिजिटल गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो यह काम घर बैठे हो जाएगा। अगर आपके पास डीमैट अकाउंट है तो फिर आप गोल्ड ईटीएफ में भी निवेश कर सकते हैं। इतना ही नहीं, आज गोल्ड में निवेश करने के लिए आपको ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं है। आप छोटे अमाउंट से भी गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। आप सिप के जरिए भी हर महीने गोल्ड में छोटे अमाउंट से निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड ईटीएफ एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है, जो घरेलू मार्केट में फिजिकल गोल्ड के प्राइस को ट्रैक करता है। गोल्ड ट्रेडेड फंड में स्टॉक्स की तरह ट्रेडिंग होती है। जिस तरह से म्यूचुअल फंड की किसी स्कीम में निवेश होता है, उसी तरह गोल्ड ईटीएफ में निवेश किया जा सकता है। इस वजह से इसमें निवेश करना बहुत आसान है। जरूरत पड़ने पर इसमें से आसानी से पैसे निकाले जा सकते हैं। चूंकि, गोल्ड की कीमतें सार्वजनिक रूप से स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध होती हैं, जिससे पूरा प्रोसेस पारदर्शी होता है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर कोई एंट्री या एक्जिट लोड भी नहीं लगता है।
एसेट मैनेजमेंट कंपनियों गोल्ड म्यूचुअल फंड ऑफर करती हैं। इनका स्ट्रक्चर फंड ऑफ फंड का होता है। यह मुख्य रूप से गोल्ड ईटीएफ में निवेश करता है। इसलिए ईटीएफ का पोर्टफोलियो गोल्ड फंड का पोर्टफोलियो बन जाता है। गोल्ड म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो कम होता है। इनवेस्टर सिर्फ 500 रुपये से गोल्ड म्यूचुअल फंड की स्कीम में निवेश कर सकता है। गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की भी जरूरत नहीं है।
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सरकार अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की नई किस्त जारी नहीं कर रही है। आखिरी बार सरकार ने फरवरी 2024 में इसकी किस्त जारी की थी। यह गोल्ड में निवेश का काफी अट्रैक्टिव ऑप्शन था। इसमें निवेश से गोल्ड की कीमतों में होने वाले इजाफे का फायदा मिलता था। साथ ही सरकार 2.5 फीसदी का सालाना इंटरेस्ट भी निवेशक को देती थी। लेकिन, नई किस्त नहीं आने से इस स्कीम में निवेश करने का विकल्प नहीं रह गया है। सेकेंडरी मार्केट से इसमें निवेश किया जा सकता है। पहले से मार्केट में उपलब्ध एसजीबी की किस्त में निवेश किया जा सकता है।