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बगैर मंजूरी लोन के धंधे पर सख्ती,सरकार लाने वाली है बिल,RBI ने साझा किया ड्राफ्ट

गैर संस्थागत लेंडिंग गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार कानून लाने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक इस पर आने वाले बिल का ड्राफ्ट वित्त मंत्रालय से साझा किया गया है। RBI ने इस बिल का ड्राफ्ट साझा किया है। गैरसंस्थागत लेंडिंग पर रोक के लिए आने कानून में लेंडिंग एक्टिविटी की फंडिंग पर रोक का प्रस्ताव है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 16, 2024 पर 8:42 PM
बगैर मंजूरी लोन के धंधे पर सख्ती,सरकार लाने वाली है बिल,RBI ने साझा किया ड्राफ्ट
गैर-संस्थागत ऋणदाता आमतौर पर संस्थागत ऋणदाताओं पर लागू होने वाले मानक दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं। ऐसे ऋणदाताओं को मान्यता प्राप्त नहीं होती। ये अनरजिस्टर्ड होते हैं लेकिन उधार देने का काम करते हैं

बगैर मंजूरी के लोन देने का धंधा करने पर सख्ती होने वाली है। सरकार एक बिल लाने वाली है और RBI ने इसका ड्राफ्ट सरकार के साथ साझा किया है। इस एक्सक्लूसिव खबर पर और ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के सीनियर इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि बगैर मंजूरी लोन देने के धंधे पर कड़ाई होने वाली है लेकिन NBFCs और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों को इससे राहत मिलेगी। लेकिन गैरसंस्थागत लेंडिंग गतिविधियों पर सख्ती संभव है। इनके लिए कानून संभव है।

लक्ष्मण रॉय ने आगे बताया कि गैर संस्थागत लेंडिंग गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार कानून लाने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक इस पर आने वाले बिल का ड्राफ्ट वित्त मंत्रालय से साझा किया गया है। RBI ने इस बिल का ड्राफ्ट साझा किया है। गैरसंस्थागत लेंडिंग पर रोक के लिए आने कानून में लेंडिंग एक्टिविटी की फंडिंग पर रोक का प्रस्ताव है। इसके साथ ही इनके विज्ञापन पर रोक का प्रस्ताव भी है। इसके अलावा लेंडर्स डेटाबेस के लिए अथॉरिटी बनाने का भी सुझाव दिया गया है।

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गैर-संस्थागत ऋणदाता आमतौर पर संस्थागत ऋणदाताओं पर लागू होने वाले मानक दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं। ऐसे ऋणदाताओं को मान्यता प्राप्त नहीं होती। ये अनरजिस्टर्ड होते हैं लेकिन उधार देने का काम करते हैं। ये अक्सर छोटी-छोटी कंपनियों को कर्ज मुहैया कराती हैं। ऐसी कंपनियों पर ही पाबंदी लगाने की बात चल रही है। रिजर्व बैंक और दूसरी एजेंसियों को इस तरह की जानकारी मिली है कि तमाम शहरों में कुकुरमत्ते की तरह इस तरह की कंपनियां निकल गई हैं जो बगैर केवाईसी किए, बगैर की नियम का ध्यान रखते हुए लोगों को कर्ज देती हैं। जो कर्ज में डूब चुके हैं उनको भी कर्ज देती हैं। इससे पूरे फाइनेंशियल सिस्टम पर बहुत बड़ा जोखिम बना हुआ है। इसलिए सरकार इस बिल को लाने की तैयारी में है।

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