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FY25 के लिए एडवांस टैक्स की आखिरी किश्त भरने की डेडलाइन आज, अभी भी चूके तो जुर्माने के लिए रहें तैयार

Advance Tax Payment Deadline: समय पर एडवांस टैक्स का पेमेंट न करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234B और 234C के तहत ब्याज लगता है। ऐसे निवासी सीनियर सिटीजन जिनकी कारोबार या प्रोफेशन से इनकम नहीं है, उन्हें एडवांस टैक्स से छूट दी गई है। जिन वेतनभोगी व्यक्तियों की कोई अतिरिक्त आय नहीं है, उन्हें भी इसे भरने की जरूरत नहीं है

अपडेटेड Mar 15, 2025 पर 4:43 PM
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एडवांस टैक्स बड़ी टैक्स देनदारियों वाले व्यक्तियों और कारोबारों पर लागू होता है।

15 मार्च, 2025 टैक्सपेयर्स के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के एडवांस टैक्स की चौथी और आखिरी किश्त भरने की आखिरी तारीख है। एडवांस टैक्स उसी वित्त वर्ष में भरा जाता है, जिसमें इनकम कमाई जाती है और यह बड़ी टैक्स देनदारियों वाले व्यक्तियों और कारोबारों पर लागू होता है। अब सबसे पहले यह जानते हैं कि एडवांस टैक्स भरने की जरूरत किसे है...

कोई भी ऐसा टैक्सपेयर, जिसकी TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटने के बाद कुल टैक्स देनदारी 10,000 रुपये या उससे अधिक है, उसे एडवांस टैक्स का भुगतान करना होगा। इसमें वे वेतनभोगी कर्मचारी शामिल हैं, जिनके पास किराया, कैपिटल गेंस या ब्याज से इनकम जैसे इनकम के अतिरिक्त सोर्स हैं और इससे होने वाली इनकम उनकी सैलरी से ज्यादा है। कारोबारों और सेल्फ-एंप्लॉयड व्यक्तियों को भी एडवांस टैक्स भरना जरूरी है।

ऐसे निवासी सीनियर सिटीजन (60 वर्ष या उससे अधिक आयु के) जिनकी कारोबार या प्रोफेशन से इनकम नहीं है, उन्हें छूट दी गई है। इसके अलावा जिन वेतनभोगी व्यक्तियों की कोई अतिरिक्त आय नहीं है, उन्हें भी एडवांस टैक्स भरने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके एंप्लॉयर TDS काटते हैं।


एडवांस टैक्स की किश्त का शेड्यूल

15 जून- कुल टैक्स देनदारी का 15%

15 सितंबर- कुल टैक्स देनदारी का 45% (जून की किश्त सहित)

15 दिसंबर- कुल टैक्स देनदारी का 75% (पिछली किश्तों सहित)

15 मार्च- कुल टैक्स देनदारी का 100%

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पेमेंट का मोड

एडवांस टैक्स का ई-पेमेंट उन कॉर्पोरेट्स और करदाताओं के लिए अनिवार्य है, जिनके खातों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AB के तहत ऑडिट की जरूरत होती है। अन्य करदाता भी सुविधा के लिए ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

भुगतान न करने या देरी पर जुर्माना

समय पर एडवांस टैक्स का पेमेंट न करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234B और 234C के तहत ब्याज लगता है। किश्तों में किसी भी कमी के लिए अनपेड अमाउंट पर प्रति माह 1% ब्याज लगाया जाता है। यदि 15 मार्च तक कुल टैक्स का 90% से कम भुगतान किया जाता है, तो सेक्शन 234B के तहत अतिरिक्त ब्याज तब तक लागू होता है, जब तक कि टैक्स पूरी तरह से सेटल नहीं हो जाता।

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