GST Update: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (Goods and Services Tax – GST) के तहत ई-चालान (e-invoicing) के नियमों को लेकर कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि ई-इन्वॉइस के जरूरी प्रावधानों में ढील देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। लोकसभा में एक लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि मौजूदा समय में GST के तहत ई-इन्वॉइस पर छूट देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
इससे पहले सरकार से पूछा गया था कि क्या कारोबारियों को ई-इन्वॉइस से छूट दिए जाने का विचार किया जा रहा है। बता दें कि मौजूदा समय में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए ई-इन्वॉइस को जरूरी बनाया गया है। यह नियम 1 अप्रैल, 2022 से लागू है।
जानिए कैसे काम करता है ई-इन्वॉइस
GST नेटवर्क (Goods and Services Tax Network – GSTN) ने कॉमन जीएसटी पोर्टल पर सभी बिजनेस टू बिजनेस इन्वॉइस को अपडेट करना जरूरी कर दिया है। यह सिस्टम एक पोर्टल से जीएसटी पोर्टल और ई-वे बिल (e-way bill) पोर्टल पर रियल टाइम में डाटा भेजता है। ऐसे में ई-वे बिल निकालने या GSTR-1 रिटर्न भरने में अलग से डाटा फीड करने की जरूरत नहीं होती है।
कैसे मददगार है यह सिस्टम
इस सिस्टम के जरिए बिल के मिसमैच होने की घटनाओं पर रोक लगी है। इतना ही नहीं कारोबारियों के लिए रिटर्न भरना और इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करना भी बेहद आसान हो गया है। इसके अलावा इस सिस्टम ने टैक्स अधिकारियों की ओर से ऑडिट या सर्वे किए जाने की आशंकाओं को भी खत्म कर दिया है।
सालाना 5 करोड़ के टर्नओवर पर लागू
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार अगले साल से GST पर ई-इन्वॉइस सिस्टम को सालाना 5 करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए भी जरूरी कर सकती है। इससे पहले यह 500 करोड़ के टर्नओवर पर था। जिसे घटाकर 100 करोड़ और फिर 50 करोड़ तक लाया गया था। चालू वित्तवर्ष में इसे घटाकर 20 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर कर दिया गया।