कोरोना (Corona) की महामारी ने कई परिवारों को आर्थिक मुसीबत (Economic Problem) में डाल दिया। कई लोगों को इलाज कराने के लिए दूसरों से पैसे मांगने पड़े। कई एंप्लॉयीज ने अपनी कंपनी से आर्थिक मदद ली तो कई लोगों ने अपने रिश्तेदारों से मदद मांगी। इस पैसे को इनकम टैक्स से छूट हासिल है। इसके लिए आपको कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होगी। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने इस बारे में 5 अगस्त, 2022 को नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें बताया गया है कि कोविड के इलाज के लिए मिले पैसे पर टैक्स छूट हासिल करने के लिए आपको क्या करना होगा और इसके लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स जरूरी होंगे।
पहले आपको यह बता दें कि सरकार ने 25 जून, 2021 को यह ऐलान किया था कि अगर कोरोना के इलाज के लिए कोई व्यक्ति पैसा लेता है या इस बीमारी की वजह से परिवार के किसी सदस्य की मौत पर कंपनी या सगे-सबंधियों की तरफ से आर्थिक मदद (Ex-gratia) मिलती है तो वह इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आएगी। यह टैक्स छूट फाइनेंशियल ईयर 2019-20 से लागू है।
CBDT के नोटिफिकेशन के मुताबिक, कोरोना के इलाज के लिए पैसे लेने वाले व्यक्ति को अपनी कंपनी को निम्न डॉक्युमेंट सब्मिट करने होंगे:
1. जांच के बाद एंप्लॉयी या परिवार के सदस्य की पॉजिटिव रिपोर्ट। हॉस्पिटल की तरफ से जारी मेडिकल रिपोर्ट जिसमें कोविड-19 से ग्रसित होने की पुष्टि की गई हो।
2. एंप्लॉयी या उसके परिवार के सदस्य के कोरोना के इलाज से जुड़े जरूरी डॉक्युमेंट्स। कोरोना से संक्रमित मरीज को होने वाली दूसरी दिक्कतों के इलाज से जुड़े सभी डॉक्युमेंट्स।
3. एंप्लॉयी या इस कोविड-19 के इलाज या इससे जुड़ी बीमारी के इलाज पर आने वाले कुल खर्च का सर्टिफिकेट।
उपर्युक्त सभी डॉक्युमेंट्स कंपनी को देने के साथ ही सीबीडीटी ने एंप्लॉयी को फॉर्म नंबर 1 इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सब्मिट करने के लिए कहा है। जिस फाइनेंशियल ईयर में पैसा मिला है, उसके खत्म होने के 9 महीने के अंदर या 31 दिसंबर, 2022 तक (जो भी बाद में हो) इसे सब्मिट करना जरूरी है।
फॉर्म नंबर 1 में एंप्लॉयी को निम्नलिखित जानकारियां देनी होगी:
2. कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट की डिटेल, जैसे-सीरियल नंबर, आईडी नबंर आदि
3. एंप्लॉयी या परिवार के सदस्य के मेडिकल डायग्नॉसिस या इलाज की व्यापक जानकारी। इसे कोविड से संक्रमण की पुष्टि होने के छह महीने के अंदर सब्मिट करना जरूरी है।
4. इलाज पर होने वाला कुल खर्च।
5. व्यक्ति से मिला कुल अमाउंट
6. उस व्यक्ति का नाम, पता और पैन जिससे पैसे लिए गए हैं।
7. फाइनेंशियल ईयर जिसमें यह पैसा मिला है।