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रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा, भारत में दो के बजाय एक ही इनकम टैक्स रिजीम होना चाहिए

रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा का कहना है कि भारत में पर्सनल इनकम टैक्स के लिए दो के बजाय एक ही रिजीम होना चाहिए। फाइनेंस मिनिस्ट्री के इस वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तकरीबन 70 पर्सेंट टैक्सपेयर्स पहले ही नई टैक्स रिजीम का विकल्प चुन चुके हैं, जो नई और आसान टैक्स रिजीम की तरफ बढ़ने के लिए स्पष्ट संकेत है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 30, 2024 पर 7:06 PM
रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा, भारत में दो के बजाय एक ही इनकम टैक्स रिजीम होना चाहिए
रेवेन्यू सेक्रेटरी ने कहा कि हमारा मकसद इनकम टैक्स एक्ट के पुराने पड़े गए प्रावधानों को हटाना है।

रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा का कहना है कि भारत में पर्सनल इनकम टैक्स के लिए दो के बजाय एक ही रिजीम होना चाहिए। फाइनेंस मिनिस्ट्री के इस वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तकरीबन 70 पर्सेंट टैक्सपेयर्स पहले ही नई टैक्स रिजीम का विकल्प चुन चुके हैं, जो नई और आसान टैक्स रिजीम की तरफ बढ़ने के लिए स्पष्ट संकेत है।

भारत में टैक्सपेयर्स के पास दो इनकम टैक्स रिजीम में से एक चुनने का विकल्प होता है। पुरानी रिजीम के तहत टैक्स ज्यादा लगता है, लेकिन इसमें कई कटौतियां या छूट होती है। नई टैक्स रिजीम में टैक्स रेट कम होता है, लेकिन इसमें कटौतियों या छूट के लिए भी प्रावधान कम है।

मल्होत्रा ने बताया कि भारत के रियल एस्टेट सेक्टर पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) को थोड़ा सा बढ़ाकर 12.5 पर्सेंट कर दिया गया है, जबकि 2022-23 में इसकी प्रभावी दर 11.54 पर्सेंट है। इस बार के बजट में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स के तहत इंडेक्सेशन लाभ हटा दिया है।

हालांकि, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 20 पर्सेंट से घटाकर 12.5 पर्सेंट कर दिया गया है। इससे ऐसे प्रॉपर्टी मालिकों के लिए टैक्स का बोझ बढ़ सकता है, जिनके पास लंबी अवधि से एसेट्स मौजूद होंगे। मल्होत्रा का कहना था कि इस कदम का मकसद टैक्स सिस्टम को आसान बनाना और रियल एस्टेट व अन्य एसेट्स के बीच कैपिटल गेन्स से जुड़े टैक्स के अंतर को कम करना है।

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