सेंट्रेल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने एसेसमेंट ईयर 2023-24 के इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग फॉर्म्स नोटिफाय कर दिए हैं। 31 मार्च, 2023 को खत्म हो रहे फाइनेंशियल ईयर का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इन फॉर्म्स का इस्तेमाल होगा। पिछले साल के आईटीआर फॉर्म्स के मुकाबले इनमें कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। इस बारे में सीबीडीटी ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि टैक्सपेयर्स की सुविधा और रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए ITR फॉर्म्स में बड़े बदलाव नहीं किए गए हैं। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 में संशोधन की वजह से सिर्फ कुछ छोटे बदलाव किए गए हैं।
नए जारी फॉर्म्स में कॉमन ITR का जिक्र नहीं
पिछले साल नवंबर में CBDT ने कुल सात आईटीआर फॉर्म्स में छह की जगह 'कॉमन आईटीआर फॉर्म्स' जारी करने का ऐलान किया था। इसके लिए आम लोगों और इनकम टैक्स से जुड़े पक्षों की राय मांगी गई थी। लेकिन, नए जारी किए गए ITR फॉर्म्स में कॉमन आईटीआर फॉर्म्स का जिक्र नहीं है। टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 खत्म होने से पहले फॉर्म्स के लिए नोटिफिकेशन जारी हो जाने से एसेसमेंट ईयर की शुरुआत से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में आसानी होगी।
टैक्सपेयर्स को होगी आसानी
TIOL Knowledget Foundation के चेयरमैन शैलैंद्र कुमार ने कहा, "ITR को काफी पहले नोटिफाय करना अच्छी फिस्कल प्रैक्टिस है। इससे टैक्सपेयर्स को एडवान्स प्लानिंग में मदद मिलती है। फॉर्म्स में बड़े बदलाव नहीं किए गए हैं। यह टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स के लिए बहुत बड़ी राहत है।" टैक्स कंसल्टेंसी फर्म टैक्स कनेक्ट एडवायजरी के पार्टनर विवेक जलान ने कहा कि इस साल सरकार ने मार्च खत्म होने से काफी पहले ITR फॉर्म्स नोटिफाय कर दिए हैं। इससे टैक्सपेयर्स को किसी तरह के संशोधन के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
वर्चुअल एसेट्स से होने वाली आमदनी बतानी होगी
पिछले साल फाइनेंस एक्ट में शामिल किए गए प्रावधानों की वजह से आईटीआईर फॉर्म्स में कुछ बदलाव किए गए हैं। 1 अप्रैल, 2022 से वर्चुअल डिजिटल एसेट्स में ट्रांजेक्शंस पर हुए मुनाफे पर टैक्स लगेगा। इसके अलावा 1 जुलाई से क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबल टोकेंस जैसे एसेट्स में 10,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शंस पर 1 फीसदी TDS लगेगा। जलान ने कहा, "आईटीआर फॉर्म्स में इसके लिए बदलाव किए गए हैं। ITR2/ITR3/ITR5/ITR6 में अलग से एक VDA शिड्यूल दिया गया है। इसमें वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली इनकम बतानी होगी।"
RSM India के फाउंडर सुरेश सुराना ने कहा, "टैक्स के निधार्रण के मकसद से टैक्सेपयर्स को वीडीए के ट्रांसफर से होने वाली इनकम पर उस हेड के तहत एक्विजिशन एंड ट्रांसफर की तारीख बतानी होगी, जिसके तहत टैक्स लगाया जाना है। गिफ्ट के मामले में टैक्सपेयर्स को सेक्शन 56(2)(X) के तहत चुकाए गए टैक्स के अमाउंट के बारे में बताना होगा। दूसरे मामलों में पिछले ओनर की कॉस्ट बतानी होगी।"
शेयर ट्रेडिंग की जानकारी भी देनी होगी
शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले लोगों को अलग से जानकारी देनी पड़ेगी। जलान ने कहा, "अभी शेयर ट्रेडिंग बिजनेस होने पर पूरी ट्रेडिंग को इंट्रा-डे ट्रेडिंग और डिलीवरी-बेस्ड ट्रेडिंग में अलग-अलग कर दिया जाता है। इसकी जानकारी ITR3/ITR5/ITR6 में दी जाती है।"
इसके अलावा हाल में नोटिफाय किए गए ITR फॉर्म्स में न्यू टैक्स रीजीम के सेलेक्शन से जुड़े अतिरिक्त सवालों की वजह से भी संशोधन किए गए हैं। फाइनेंस प्लेटफॉर्म क्लियर के फाउंडर अर्चित गुप्ता ने कहा, "फॉर्म में टैक्सपेयर को यह बताना होगा कि उसने पिछले एसेसमेंट ईयर में क्या उसने न्यू टैक्स रीजीम का चुनाव किया है। उसे सेलेक्ट किए गए एसेसमेंट ईयर के बारे में भी बताना होगा। इसके टैक्सपेयर्स को भी बताना होगा कि क्या उसने पिछले सालों में न्यू टैक्स रीजीम को सेलेक्ट किया था। उसे दोनों सेलेक्शंस के 101E डिटेल भी बताने होंगे।"