वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश यूनियन बजट 2025 में टीडीएस और टीसीएस के कुछ नियमों में बदलाव का ऐलान किया था। ये नियम 1 अप्रैल, 2025 से लागू हो जाएंगे। सरकार ने टीडीएस और टीसीएस के नियमों को आसान बनाने के लिए ऐसा किया है। सरकार ने टीसीएस और टीडीएस के लिए लिमिट में भी बदलाव किया है। इसका सबसे ज्यादा फायदा सीनियर सिटीजंस, मकान मालिक और टेक्निकल सर्विसेज देने वाले प्रोफेशनल्स को होगा। टीसीएस के लिए लिमिट बढ़ने से विदेश यात्रा करने वालों और बच्चों को विदेश में पढ़ाने वाले लोगों को फायदा होगा। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
इंटरेस्ट इनकम पर टीडीएस के नए नियम
नए नियम के मुताबिक, एक फाइनेंशियल ईयर में सीनियर सिटीजंस की एक लाख रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम TDS के दायरे में नहीं आएगी। पहले इसकी लिमिट 50,000 रुपये थी। इसका मतलब है कि अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और आपको एक वित्त वर्ष में बैंक में जमा पैसे पर एक लाख रुपये तक इंटरेस्ट मिलता है तो बैंक उस पर TDS नहीं काटेगा। इंटरेस्ट इनकम 1 लाख रुपये से ज्यादा होने पर ही बैंक उस पर टीडीएस काटेगा। दूसरे लोगों के लिए इस लिमिट को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया गया है।
घर के किराए पर टीडीएस के नए नियम
सरकार ने रेंटल इनकम पर भी TDS की लिमिट बढ़ा दी है। इसे सालाना 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर आप अपने मकानमालिक को हर महीने 50,000 रुपये तक किराया देते हैं तो आपको उस पर TDS काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी किराएदार को किराया 20,000 रुपये से ज्यादा होने पर उस पर टीडीएस काटने के बाद मकानमालिक को पेमेंट करना होता है।
डिविडेंड से होने वाली इनकम पर TDS
स्टॉक और म्यूचुअल फंड्स के निवेशकों के लिए भी टीडीएस के नियम बदल गए हैं। अब म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स या खास कंपनियों/अंडरटेकिंग्स से मिलने वाला डिविडेंड या इनकम 10,000 रुपये होने पर ही TDS कटेगा। अभी यह लिमिट 5,000 रुपये है। किसी पब्लिक कंपनी की तरफ से जारी किए डिबेंचर पर मिलने वाले इंटरेस्ट के लिए भी टीडीएस की लिमिट बढ़ाकर 10,000 रुपये की गई है।
विदेश पैसे भेजने पर TCS के नए नियम
सरकार ने लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के मामले में भी TCS की लिमिट बढ़ा दी है। अब अगर कोई व्यक्ति विदेश पैसे भेजता है तो 10 लाख रुपये तक का अमाउंट टीसीएस के दायरे में नहीं आएगा। अभी यह लिमिट 7 लाख रुपये है। इसके अलावा कुछ खास संस्थानों से लिए गए एजुकेशन लोन के पैसे को भेजने पर किसी तरह का टीसीएस नहीं लगेगा। अभी एजुकेशन लोन का अमाउंट 7 लाख रुपये से ज्यादा होने पर 0.5 फीसदी चार्ज लगता है।