म्यूचुअल फंड चुनते समय निवेशक करते हैं ये 5 बड़ी गलतियां, पर बचने का तरीका है काफी आसान

Mutual fund mistakes: म्यूचुअल फंड में निवेशक अक्सर जल्दबाजी और अधूरी जानकारी के कारण गलतियां कर बैठते हैं। इससे अक्सर रिटर्न पर काफी बुरा असर पड़ता है। जानिए इन गलतियों से बचने का क्या तरीका है।

अपडेटेड Sep 04, 2025 पर 5:29 PM
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कई निवेशक सिर्फ सेक्टोरल या थीमैटिक फंड्स में ज्यादा निवेश कर लेते हैं।

Mutual fund mistakes: म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड बनाने का बेहतर जरिया है। लेकिन कई बार लोग अधूरी जानकारी या जल्दबाजी में फैसले लेकर गलती कर बैठते हैं, जिससे रिटर्न पर सीधा असर पड़ता है।

सही फंड चुनने के लिए सिर्फ नामी या टॉप-परफॉर्मिंग स्कीम्स पर भरोसा करना काफी नहीं है, बल्कि समझदारी और ठोस प्लानिंग जरूरी है। आइए जानते हैं वे पांच आम गलतियां, जिनसे हर म्यूचुअल फंड निवेशक को बचना चाहिए।

1. सिर्फ पिछले रिटर्न देखकर निवेश करना


बहुत से निवेशक हाल ही में अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड्स पर दांव लगा देते हैं। जैसे कि किसी फंड ने पिछले 5 साल में 30% CAGR से रिटर्न दिया है, तो लोग उस में निवेश का फैसला कर लेते हैं।

लेकिन ध्यान रखें कि अतीत के रिटर्न भविष्य की गारंटी नहीं होते। सिर्फ रिटर्न देखकर फंड चुनने से निवेशक उसके रिस्क फैक्टर, रणनीति और मैनेजमेंट स्टाइल को नजरअंदाज कर देते हैं। सही चयन के लिए फंड की लंबी अवधि की स्थिरता, रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल और इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी को ध्यान में रखना जरूरी है।

 1. SIP क्या है और क्यों जरूरी है SIP आपको तय समय पर तय रकम निवेश करने का आसान विकल्प देता है। इससे एकमुश्त निवेश का दबाव खत्म हो जाता है और बचत एक आदत बन जाती है। यह तरीका निवेश को अनुशासित करता है और अचानक बाज़ार में उतार-चढ़ाव का डर कम करता है। SIP का मकसद है धीरे-धीरे और लगातार संपत्ति निर्माण। यही वजह है कि यह शुरुआती और अनुभवी निवेशकों दोनों के लिए फायदेमंद है।

2. सेंटीमेंट और मार्केट मूड पर फैसले लेना

कई निवेशक बाजार की चाल देखकर जल्दी-जल्दी फैसले लेते हैं। गिरावट के दौरान घबराकर यूनिट्स बेच देना या तेजी के समय ज्यादा निवेश करना लंबे समय में कंपाउंडिंग के फायदे को खत्म कर देता है।

ऐसे भावनात्मक निर्णय पोर्टफोलियो की स्थिरता बिगाड़ देते हैं। निवेश का आधार हमेशा ठोस प्लानिंग और लॉजिक होना चाहिए, न कि सिर्फ बाजार का मिजा।

3. बिना लक्ष्य तय किए निवेश करना

म्यूचुअल फंड में सबसे बड़ी गलती है बिना किसी स्पष्ट लक्ष्य के निवेश करना। जब उद्देश्य साफ न हो तो सही स्कीम और अवधि तय करना मुश्किल हो जाता है।

शादी, बच्चों की पढ़ाई, रिटायरमेंट या घर खरीदने जैसे लक्ष्य फंड चयन और SIP प्लानिंग को आसान बना देते हैं। लक्ष्य तय करने से निवेश अनुशासित रहता है और रिसोर्स मैनेजमेंट बेहतर हो पाता है।

4. डाइवर्सिफिकेशन की कमी और स्टाइल ड्रिफ्ट

कई निवेशक सिर्फ सेक्टोरल या थीमैटिक फंड्स में ज्यादा निवेश कर लेते हैं। इससे पोर्टफोलियो में असंतुलन और वोलैटिलिटी बढ़ जाती है।

इसके अलावा, कई बार फंड अपनी घोषित रणनीति से हटकर ज्यादा रिस्क ले लेते हैं, जिसे स्टाइल ड्रिफ्ट कहा जाता है। इससे पोर्टफोलियो का जोखिम बढ़ जाता है। बचाव का तरीका है डाइवर्सिफिकेशन यानी इक्विटी, डेट, गोल्ड और रियल एस्टेट जैसे अलग-अलग एसेट क्लास में बैलेंस्ड निवेश करें।

 5. लक्ष्य के हिसाब से SIP चुनना हर SIP हर लक्ष्य के लिए सही नहीं होता। अगर लंबी अवधि का लक्ष्य है, जैसे रिटायरमेंट या बच्चे की पढ़ाई, तो इक्विटी फंड सही विकल्प है। वहीं, मीडियम टर्म के लिए डेट या हाइब्रिड फंड बेहतर होते हैं। निवेशक को अपने जोखिम प्रोफाइल और समय सीमा के आधार पर चुनाव करना चाहिए। समय-समय पर रिव्यू भी जरूरी है ताकि SIP सही दिशा में चलता रहे।

5. फीस और चार्जेस को नजरअंदाज करना

निवेशक अक्सर फंड की लागत पर ध्यान नहीं देते। म्यूचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशियो, मैनेजमेंट फीस, ट्रांजैक्शन चार्ज और डिस्ट्रीब्यूशन फीस लंबे समय में बड़े फर्क का कारण बनते हैं।

छोटी-सी फीस भी सालों में कंपाउंड होकर रिटर्न को काफी कम कर सकती है। इसलिए निवेश से पहले फंड की लागत पर जरूर नजर डालें।

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कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड्स चाहे बड़े हों, मिडकैप हों या स्मॉलकैप... हर फंड के साथ कुछ न कुछ जोखिम जुड़ा रहता है। साथ ही, अंडरपरफॉर्मेंस की आशंका भी बनी रहती है। समझदारी इसी में है कि निवेशक जल्दबाजी न करें और फंड चुनने से पहले पूरी रिसर्च और तुलना करें। सबसे अहम बात, किसी भी निर्णय से पहले सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें।

Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

Suneel Kumar

Suneel Kumar

Tags: #sip

First Published: Sep 04, 2025 5:29 PM

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