केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 मार्च को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए छोटे मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। सरकार के इस कदम से 2,000 रुपये तक के लेनदेन को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे खासतौर पर छोटे व्यापारियों के बीच डिजिटल भुगतान के इस्तेमाल में और तेजी आने की उम्मीद है। इस योजना के अंतर्गत, छोटे व्यापारियों को प्रति लेनदेन 0.15 फीसदी इन्सेंटिव मिलेगा। यह योजना छोटे दुकानदारों (P2M) को UPI से पेमेंट लेने पर इंसेंटिव (प्रोत्साहन राशि) देगी। यह योजना वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए है। योजना 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक चलेगी।
कैबिनेट द्वारा आज मंजूर की गई यह योजना केवल 2,000 रुपये तक के UPI (P2M) लेनदेन पर लागू होगी। अक्सर छोटे दुकानदार इस तरह का लेनदेन करते हैं। इस योजना के तह छोटे दुकानदारों को हर लेनदेन पर 0.15 फीसदी इंसेंटिव मिलेगा। इसके तहत अगर कोई ग्राहक 1000 रुपये का सामान खरीदता है और UPI से इसका पेमेंट करता है, तो दुकानदार को 1.5 रुपये का इंसेंटिव मिलेगा।
इसके साथ ही बैंकों को भी इंसेंटिव मिलेगा। सरकार, बैंकों के दावे की 80 फीसदी राशि तुरंत दे देगी। अधिकारियों ने बताया कि शेष 20 फीसदी राशि तभी दी जाएगी जब बैंक तय प्रदर्शन मानकों को पूरा करेंगे। इन मानकों में टेक्निकल डिक्लाइन दर को 0.75 फीसदी से नीचे बनाए रखना और सिस्टम अपटाइम को 99.5% से अधिक करना शामिल है।
ध्यान रखने की बात है कि 2,000 रुपये से अधिक का भुगतान स्वीकार करने वाले व्यापारियों को कोई प्रोत्साहन नहीं मिलेगा। सरकार के इस पहल का लक्ष्य छोटे व्यवसायी हैं जो अभी भी पूरी तरह से डिजिटल भुगतान अपनाने में हिचकिचा रहे हैं। यह योजना खास तौर पर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन की गई है। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस स्कीम का उद्देश्य "फीचर फोन-आधारित (UPI 123PAY) और ऑफ़लाइन (UPI लाइट/UPI लाइटएक्स) पेमेंट सॉल्यूशन जैसे खास उत्पादों को बढ़ावा देकर टियर 3 से 6 शहरों, खास तौर पर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में UPI को बढ़ावा देना है।