यूपीआई लाइट का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए 9 अक्टूबर को अच्छी खबर आई। अब यूपीआई लाइट की ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़कर 1,000 रुपये हो गई है। पहले यह लिमिट 500 रुपये थी। साथ ही यूपीआई लाइट वॉलेट लिमिट भी बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दी गई है। पहले यह लिमिट 2,000 रुपये थी। यूपीआई 123पे की ट्रांजेक्शन लिमिट भी 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है।
यूपीआई से जुड़े कई बड़े ऐलान
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 9 अक्टूबर को मॉनेटरी पॉलिसी की। इसमें उन्होंने यूपीआई से जुड़े कई अहम बदलाव किए। इसका मकसद यूपीआई ग्राहकों के लिए पेमेंट को आसान बनाना है। दास ने कहा कि यूपीआई के इस्तेमाल का दायरा बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत कई बड़े फैसले लिए गए हैं। वैल्यू के हिसाब से यूपीआई ट्रांजेक्शन लगातार पांचवें महीने 20 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा।
यूपीआई लाइट का इस्तेमाल रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए होता है। उदाहरण के लिए अगर आप रोजाना दूध, फल और सब्जियां खरीदते हैं तो इसका पेमेंट यूपीआई लाइट से आप कर सकते हैं। यूपीआई लाइट का इस्तेमाल करने का फायदा यह है कि हर ट्रांजेक्शन पर आपको पिन डालने की जरूरत नहीं पड़ती है। बड़ी संख्या में लोग इसका इस्तेमाल छोटे अमाउंट की खरीदारी के लिए कर कर रहे हैं। अब तक यूपीआई लाइट से मैक्सिमम 500 रुपये तक का पेमेंट किया जा सकता था। अब यह बढ़कर 1,000 रुपये हो गया है।
यूपीआई वॉलेट की लिमिट भी बढ़ी
यूपीआई लाइट की वॉलेट लिमिट भी 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि आप अपने यूपीआई लाइट में मैक्सिमम 5,000 रुपये डाल सकते हैं। फिर, आप यूपीआई लाइट का इस्तेमाल रोजाना की खरीदारी के लिए कर सकते हैं। आरबीआई ने यूपीआई लाइट के इस्तेमाल का दायरा बढ़ाने के लिए यह फैसला किया है। इससे ग्राहकों को कभी सुविधा होगी। उन्हें बार-बार यूपीआई लाइट वॉले में पैसे ट्रांसफर नहीं करने होंगे।
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यूपीआई123पे की लिमिट बढ़ने से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा। इसकी वजह यह है कि इस सुविधा का इस्तेमाल फीचर फोन पर होता है। इसके लिए किसी तरह के इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती है। इस सुविधा की शुरुआत 2022 में हुई थी। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कम करते हैं वहां यह सुविधा बहुत मायने रखती है।