फिर आया शादियों का सीजन, 6 महीने में होंगी 42 लाख शादियां, 5.5 लाख करोड़ का होगा कारोबार, इन बिजनेस की होगी बल्ले बल्ले

Wedding Season: दिल्ली सहित पूरे देश में ट्रेडर्स कम्यूनिटी 15 जनवरी से लेकर 15 जुलाई तक चलने वाले वेडिंग सीजन के लिए काफी तैयारी कर रही है। ट्रडर्स कम्यूनिटी के एक अनुमान के अनुसार इन छह महीनों में देश में करीब 42 लाख विवाह होंगे

अपडेटेड Feb 13, 2024 पर 1:56 PM
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ट्रेडर्स कम्यूनिटी 15 जनवरी से लेकर 15 जुलाई तक चलने वाले वेडिंग सीजन के लिए काफी तैयारी कर रही है।

Wedding Season In India: दिल्ली सहित पूरे देश में ट्रेडर्स कम्यूनिटी 15 जनवरी से लेकर 15 जुलाई तक चलने वाले वेडिंग सीजन के लिए काफी तैयारी कर रही है। ट्रडर्स कम्यूनिटी के एक अनुमान के अनुसार इन छह महीनों में देश में करीब 42 लाख विवाह होंगे। शादियों से जुड़ी खरीदारी और सर्विस के माध्यम से लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। यह कैलकुलेशन कन्फेडरेश ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने लगाया है। ये सर्वे देश सभी राज्यों में ट्रेडर्स कम्यूनिटी से बातचीत के आधार पर बनाया गया है।

होंगी 42 लाख शादियां

कैट के अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में ही इस शादियों के मौसम में 4 लाख से अधिक विवाह होने की संभावना है। इसमें करीब ₹ 1.5 लाख करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। पिछले साल 14 दिसंबर को खत्म हुए विवाह सीजन में लगभग 35 लाख विवाह हुए थे, जिन पर करीब ₹ 4.25 लाख करोड़ खर्च हुआ। इस विवाह सीजन के दौरान अनुमान है कि लगभग 5 लाख विवाह में हर एक शादी की लागत 3 लाख होगी, जबकि लगभग 10 लाख विवाह की प्रति विवाह की लागत लगभग 6 लाख रुपये होगी। इसके अतिरिक्त 10 लाख विवाहों की अनुमानित लागत प्रति विवाह 10 लाख होगी। वहीं, 10 लाख विवाह की लागत 15 लाख प्रति विवाह होगी। जबकि 6 लाख विवाह 25 लाख रुपये की लागत होगी। 60 हजार विवाह जिनकी कॉस्ट प्रति विवाह 50 लाख रुपये होगी। 40 हजार विवाह ऐसे होंगे जिनकी लागत ₹ 1 करोड़ से अधिक होगी। देखा जाए तो छह महीने के दौरान विवाह संबंधित खरीदारियों और सर्विस में लगभग ₹ 5.5 लाख करोड़ के कारोबार का अनुमान है।


शादियों में इनकी रहती है ज्यादा डिमांड

शादियों की डिमांड को देखते हुए ग्राहकों की पसंद और मांग को पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विवाह के लिए लगभग 20 प्रतिशत खर्च दुल्हन और दुल्हे के पक्ष को को जाता है। जबकि, 80 फीसदी खर्च शादी के अन्य कामों पर होता है। शादी के सीजन से पहले घर की मरम्मत और पेंटिंग काफी बड़ा कारोबार है। इसके अलावा ज्वैलरी, साड़ी, लहंगा-चुनरी, फर्नीचर, रेडीमेड कपड़े, कपड़े, जूते, विवाह और शुभकार्य कार्ड, सूखे मेवे, मिठाई, फल, पूजा वस्त्र, किराना, अनाज, सजावटी वस्त्र, घर की सजावट, इलेक्ट्रिकल यूटिलिटीज, इलेक्ट्रॉनिक्स और गिफ्ट्स की मांग ज्यादा रहती है।

इन कारोबारों को होगा फायदा

शादियों के लिए बैंक्वेट हॉल, होटल, ओपन लॉन, समुदाय केंद्र, सार्वजनिक पार्क, फार्महाउस पहले से बुक किये जाते हैं। हर विवाह की खरीदारी के अलावा, टेंट डेकोरेशन, विवाह स्थल की सजावट, फूलों की सजावट, क्रोकरी, केटरिंग सर्विस, ट्रैवल कैब सर्विस, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड, संगीत कलाकार, डीजे सर्विस, विवाह बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट, ढोल, ताशे, नफीरी, शहनाई जैसी कई सर्विस को बड़ा कारोबार मिलता है।

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