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PPF खाताधारक की मौत के बाद उनके पैसों का क्या होता है? यहां जानें इससे जुड़े नियम

ज्यादातर लोग अपनी नौकरी के दौरान पीपीएफ में निवेश करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पीपीएफ के खाताधारक की मृत्यु के बाद उस पैसे का क्यो होता है

अपडेटेड Oct 15, 2022 पर 1:05 PM
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पीपीएफ में मैच्योरिटी का समय 15 साल होता है।

PPF News: अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए ज्यादातर नौकरीपेशा नौकरी के दौरान की निवेश करना शुरू कर देते हैं, ताकि उन्हें बाद में अपनी रेगुलर इनकम या खर्चों को लेकर परेशानी न हो। भविष्य को बेहतर तरीके से सपोर्ट करने वाली योजनाओं में PPF भी निवेश का एक माध्यम है। ज्यादातर लोग अपनी नौकरी के दौरान पीपीएफ में निवेश करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पीपीएफ के खाताधारक की मृत्यु के बाद उस पैसे का क्यो होता है? यहां आपको बता रहे हैं कि उस पैसे का क्या होता है और वह किसे मिलता है।

15 साल होता है मैच्योरिटी पीरियड

पीपीएफ में किसी भी योजना की मैच्योरिटी का समय 15 साल होता है। पीपीएफ खाता मैच्योरिटी से पहले भी बंद किया जा सकता है।


PPF से कब निकाल सकते हैं पैसा

PPF खाताधारक स्वास्थ्य और एजुकेशन जैसी इमरजेंसी के समय में पीपीएफ से पैसा निकाल सकते हैं। अगर खाताधारक NRI है, तो पीपीएफ खाता खुलने की तारीख से कम से कम 5 साल पूरे होने के बाद बंद किया जा सकता है। हालांकि, तब 1 फीसदी ब्याज काटा जाता है।

PPF खाताधारक की मृत्यु पर क्या होता है?

अगर पीपीएफ खाताधारक की मैच्योरिटी से पहले मृत्यु हो जाती है, तो उसका नॉमिनी पैसा निकाल सकता है। ऐसे हालात में 15 साल पूरा करने का कोई नियम नहीं होता है। मृत्यु के बाद खाताधारक का पीपीएफ खाता बंद कर दिया जाता है। पूरा पैसा नॉमिनी को मिल जाता है।

पीपीएफ पर मिलता है चक्रवृद्धि ब्याज

पीपीएफ पर ब्याज दरें सरकार तय करती है। ये ब्याज तिमाही आधार पर मिलता है। अभी इस पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। ये ब्याज चक्रवृद्धि ब्याज होता है।

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